न्यूज़ डेस्क: साइबर अपराधी आमतौर पर फिशिंग अटैक्स और मैलवेयर इंफेक्शन्स के लिए खतरनाक लिंक का इस्तेमाल करते हैं. इन लिंक पर क्लिक करते ही बैंक अकाउंट से पैसे गायब होने से संवेदनशील जानकारियों के चोरी होने का खतरा बना होता है. ये लिंक सोशल मीडिया, मैसेज या ई-मेल कहीं से भी आ सकते हैं. ऐसे में हम यहां जानेंगे कि किसी वेबसाइट की लिंक सेफ या नहीं उसे पता करने का तरीका.
लिंक चेकर टूल का करें इस्तेमाल: कोई वेबसाइट विजिट करने के लिए सेफ है या नहीं ये पता करने के लिए लिंक चेकर टूल का इस्तेमाल करना चाहिए. ये वेब बेस्ड टूल्स फ्री होते हैं और इन्हें आसानी से एक्सेस किया जा सकता है. URLVoid एक पॉपुलर लिक चेकर टूल है.
HTTPS करें चेक: हायपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP) एक मेथड है, जो वेबसाइट और विजिटर के बीच डेटा ट्रांसमिशन इनेबल करता है. इसमें भी हायपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर (HTTPS) एक सेफ वर्जन है. HTTP की तुलना में HTTPS सिक्योर डेटा ट्रांसमिशन के लिए एक सिक्योर सॉकेट लेयर (SSL) या ट्रांसपोर्ट लेयर सिक्योरिटी (TLS) का इस्तेमाल करता है. इसे साइट URL की शुरुआत में देखा जा सकता है.
कॉन्टैक्ट सही है या नहीं ये भी चेक करें: अगर आपको ई-मेल या प्राइवेट मैसेज से कोई खतरनाक लिंक मिले तो ये चेक करें कि सेंडर कॉन्टैक्ट इंफॉर्मेशन सहीं है या नहीं. क्योंकि साइबर अक्सर असली बनकर झांसा देने की कोशिश करते हैं. वेबसाइट पर जाकर देखें कि ई-मेल, फोन नंबर और एड्रेस सही या नहीं. अक्सर फ्रॉड वाली साइट्स में ये जानकारियां नहीं होती हैं.
देखें गूगल रिव्यू: किसी संदिग्ध वेबसाइट को लेकर जानकारी हासल करने के लिए इस साइट के Google रिव्यू देखें. साथ ही ब्लॉग, सोशल मीडिया या रिव्यू वेबसाइट्स जैसे Trustpilot की मदद भी ली जा सकती है.
डोमेन एज और ओनरशिप चेक करें: वेबसाइट की सेफ्टी वेरिफाई करने के लिए WHOIS search के जरिए इनका बेकग्राउंड चेक करें. इस टूल के जरिए आप वेबसाइट ओनर को खोज सकते हैं. साथ ही ही रजिस्ट्रेशन डेट और कॉन्टैक्ट इंफॉर्मेशन भी मिल जाएगी.