देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। सत्र के तीसरे दिन सरकार ने उत्तराखंड विनियोग (2023-2024 का अनुपूरक) विधेयक समेत 11 विधेयक ध्वनिमत से पारित कराए। विधानसभा की कार्यवाही देर रात तक चली।सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए विभागवार अनुपूरक अनुदान मांगों के पारित करते हुए अनुपूरक विधेयक में 11321 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया। इसमें 3530 करोड़ रुपये का प्रावधान राजस्व और 7790 करोड़ का पूंजीगत मद में किया गया है। अनुपूरक बजट की मंजूरी के बाद राज्य का कुल बजट आकार 88728 करोड़ रुपये का हो गया है। इसके अलावा सरकार ने सदन में पेश 12 में से 11 विधेयकों को भी पारित करा दिया। राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी सेवा में सीधी भर्ती के पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक प्रवर समिति को भेज दिया गया।
सदन में अकेले ही जूझते रहे संसदीय कार्यमंत्री अग्रवाल
विधानसभा सत्र के तीसरे दिन देर रात सवा 10 बजे तक चला। सत्र के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अकेले ही जूझते रहे। एक-एक करके सरकार के मंत्री सभामंडप से बाहर निकल गए। संसदीय कार्यमंत्री को ही सदन में सरकार का कामकाज निपटाना पड़ा। सत्र स्थगित होने तक अधिकांश सदस्यों ने कार्यवाही में पूरी सक्रियता के साथ भाग लिया।
ध्वनिमत से 11 विधेयक सदन में पारित
विधानसभा सत्र के तीसरे दिन देर रात तक चले सदन में ध्वनिमत से 11 विधेयक पारित किए गए। इसमें उत्तराखंड सड़क संरचना सुरक्षा संशोधन विधेयक, वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी, विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, उत्तराखंड संयुक्त प्रांतीय रक्षक दल अधिनियम संशोधन विधेयक, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम संशोधन विधेयक, उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक, उत्तराखंड निवेश और आधारित संरचना विकास एवं विनियमन विधेयक, उत्तराखंड निरसन विधेयक, उत्तराखंड शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान संशोधन विधेयक, राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम संशोधन विधेयक, निजी विवि विधेयक पारित किए गए।
सदन मे रो पड़ीं कांग्रेसी विधायक
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान सदन में उस समय सन्नाटा पसर गया, जब कांग्रेस की विधायक कानून व्यवस्था पर अपनी बात रखते हुए महिलाओं पर पुलिस के उत्पीड़न की बात कह कर रोने लगीं. मामला रुड़की विधानसभा क्षेत्र के बेलड़ा प्रकरण से जुड़ा था, जिसपर कांग्रेस विधायक ममता राकेश सदन में बोल रही थीं. इस दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े किए गए.