देहरादून: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने एसएलपी मामले में सरकार पर हमला बोला है। माहरा ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी कमजोर मुख्यमंत्री साबित हो रहे हैं। उन्होंने सीएम धामी की निर्णय लेने की क्षमता पर भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में माहरा ने कहा कि पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी वापस लेने की अर्जी लगाई, बाद में कहा कि हम वापस नहीं लेंगे। सीएम का बयान आया कि उन्हें इस मामले में अधिकारियों ने अंधेरे में रखा। यह बात इस ओर इशारा कर रही है, कि सीएम धामी फैसले नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, अगर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गुमराह किया तो क्या सरकार ऐसे अधिकारियों की खिलाफ कोई कार्रवाई करने जा रही है?
उन्होंने कहा कि बीते दिवस मसूरी चिंतन शिविर में मुख्य सचिव का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अधिकारी फाइलों पर काम नहीं कर रहे हैं, जो बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सरकार में लालफीताशाही हावी है। यहां मुख्यमंत्री और सरकार के निर्देशों का ही पालन नहीं हो रहा है।
डीजीपी का फिर इस्तीफा मांगा
करन माहरा ने अंकिता भंडारी हत्याकांड, वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं होने, केदार भंडारी की गुमशुदगी, यूकेएसएसएससी पेपर लीक और कानून व्यवस्था का सवाल उठाते हुए एक फिर से मुख्यमंत्री से डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।
एनजीओ चला रहीं अधिकारियों की पत्नियां
पीसीसी अध्यक्ष माहरा ने कहा कि राज्य में नौकरशाहों की संपत्ति का ब्योरा मांगा जाना चाहिए। उनकी पत्नियों के नाम पर एनजीओ चल रहे हैं। सब समझते हैं कि ये एनजीओ कैसे चल रहे हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। सीएस की बात पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें उन्होंने इशारा किया है, अधिकारी अपना काम ढंग से नहीं कर रहे हैं।
सब नेता एक मंच पर एक साथ नहीं आ सकते
प्रीतम के सचिवालय कूच कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के सवाल पर माहरा ने कहा कि एक वक्त में सब नेता एक साथ नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि सभी लोग अलग-अलग मोर्चों पर डटकर पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। पार्टी में किसी तहर की गुटबाजी नहीं है।