नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने लोगों द्वारा खरीदे गए और राजनीतिक दलों की ओर से भुनाए गए चुनावी बॉन्ड से जुड़ी नई जानकारी को सार्वजनिक कर दिया है. ये वो जानकारी जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने सीलबंद लिफाफे में रजिस्ट्री को सौंपा था. एक दिन पहले यानी शनिवार को रजिस्ट्री ने वो जानकारी चुनाव आयोग को वापस लौटा दी थी. जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने उस जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.
चुनाव आयोग ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के 15 मार्च, 2024 के आदेश को देखते हुए रजिस्ट्री ने डेटा चुनाव आयोग को वापस लौटा दिया है. चुनाव आयोग को यह डेटा डिजिटल फॉर्मेट के साथ-साथ हार्ड कॉपी में भी मिला है. जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने पूरी जानकारी को सार्वजनिक कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार चुनावी बॉन्ड से जुड़ी इस नई जानकारी को 17 मार्च शाम 5 बजे तक सार्वजनिक करनी थी. आयोग को यह डेटा रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में पेन ड्राइव में मिला था.
The Election Commission of India has today uploaded the data received in digitized form from the registry of the Supreme Court on electoral bonds on its website: Election Commission of India pic.twitter.com/YIQo5Rq3qQ
— ANI (@ANI) March 17, 2024
यूनिक नंबर के लिए कोर्ट ने एसबीआई से मांगा है जवाब
चुनाव आयोग की ओर से वेबसाइट पर अपलोड की गई नई जानकारी में केवल बॉन्ड की तारीख, बॉन्ड के नंबर, बैंक का ब्रांच, रिसीविंग डेट और क्रेडिट डेट का डाटा शो हो रहा है. इस जानकारी में भी वो यूनिक नंबर नहीं हैं, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एसीबीआई को फटकार लगाई थी और देश के सबसे बड़े बैंक से 18 मार्च तक जवाब मांगा है.
चुनाव आयोग ने 2019 और 2023 में उपलब्ध कराई थी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से इस डेटा के बारे में सवाल किया था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने बताया कि उसेक पास डेटा की जानकारी नहीं है. इसके बाद चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डेटा को वापस लौटाने का निर्देश दिया था. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को 2019 और 2023 में सिलबंद लिफाफे में जानकारी उपलब्ध कराई गई थी.
763 पेज का डेटा किया अपलोड
बता दें कि इससे पहले 14 मार्च को चुनाव आयोग ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी एक और जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक की थी. इसमें 763 पेज की दो लिस्ट थी, जिसमें एक में बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी थी जबकि दूसरी में बॉन्ड को भुनाने वालों की जानकारी थी.