उत्तराखंड: जंगलों की आग बुझाएंगे या कराएंगे चुनाव, वन महकमे ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखा पत्र

खबर उत्तराखंड

देहरादून: लोकसभा चुनाव को देखते हुए इन दिनों सरकारी मशीनरी चुनावी ड्यूटी में जुटी हुई है. निर्वाचन आयोग विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को भी इस ड्यूटी में लगा रहा है. लेकिन समस्या वन विभाग के सामने दिखाई दे रही है. दरअसल, एक तरफ चुनाव की ड्यूटी की जिम्मेदारी दी जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ जंगलों में आग की घटनाओं से निपटना भी महकमे के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. शायद यही कारण है की दोहरी जिम्मेदारियों को लेकर चिंतित विभाग के अधिकारियों ने अब मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा लिखा है.

उत्तराखंड में गर्मियां आते ही फायर सीजन की शुरुआत भी हो गई है. वन विभाग 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन के रूप में मानता है और इस दौरान विभाग के कर्मचारियों की वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए ड्यूटी भी लगाई जाती है. लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव होने के चलते वन विभाग के सामने बड़ी सुविधा खड़ी हो गई है, दरअसल जिलों में जिलाधिकारी द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों की भी चुनाव के लिए ड्यूटी लगाई जा रही है.

जबकि फायर सीजन होने के चलते कर्मचारी अब जंगलों में भी आग बुझाने के लिए वन विभाग द्वारा तैनात कर दिए गए हैं.लोकसभा चुनाव में जिलों में लग रही ड्यूटी से वन विभाग के कर्मचारियों को अलग रखने का आग्रह वन विभाग द्वारा किया गया है. इसके लिए पीसीसीएफ बीपी गुप्ता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम को पत्र लिखकर विभाग के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में ना भेजे जाने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित करने के लिए कहा है.

इसके अलावा निर्वाचन की ड्यूटी के लिए भी तमाम विभागों की गाड़ियों को उपयोग में लाया जा रहा है, वन विभाग की मांग है कि वन क्षेत्र में कर्मचारियों को इन वाहनों की आवश्यकता होती है, लिहाजा इन गाड़ियों को भी निर्वाचन ड्यूटी के लिए ना भेजा जाए. उत्तराखंड में इस बार जंगलों में आग की घटनाओं के बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इसकी वजह इस बार मौसम के पहले से गर्म होने को बताया गया है. हालांकि इसके संकेत पहले ही मिलने लगे हैं और गर्मी के सीजन से पहले ही जंगलों में आग की घटनाएं भी रिकॉर्ड की जाने लगी हैं.

हालांकि इस मामले में पहले भी वन विभाग के कर्मचारियों को निर्वाचन की ड्यूटी में ना रखे जाने पर सहमति जताई गई थी. लेकिन जिला स्तर पर इन आदेशों को फिलहाल दरकिनार किया जा रहा है. वन विभाग में प्रशासन की जिम्मेदारी देख रहे बीपी गुप्ता ने इस पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखे जाने की पुष्टि की है.

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