देहरादून। Lok Sabha Election 2024: देवभूमि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल में वास करती है। राज्य के प्रति उनकी सोच यहां की आर्थिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण रहती है। बीते 10 वर्ष में राज्य को मिली एक लाख करोड़ से अधिक की योजनाएं इसकी तस्दीक करती है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में धामी सरकार भी राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए कदम उठा रही है। डबल इंजन का दम राज्य में दिख रहा है और लोकसभा चुनाव में हम विकास के मुद्दे को लेकर ही जनता के बीच में हैं। यह कहना है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का। लोकसभा चुनाव के आलोक में भट्ट से दैनिक जागरण के केदार दत्त ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं इसके मुख्य अंश।
–प्रदेश सरकार के ऐसे कौन से काम हैं, जो चुनाव मैदान में काम आएंगे।
राज्य में डबल इंजन की सरकार है। केंद्र ने झोली खोलकर उत्तराखंड के विकास को धनराशि दी है। आल वेदर रोड, नेशनल हाईवे सुधारीकरण, रोड, रेलवे व एयर कनेक्टिविटी के रूप में बड़ी उपलब्धियां राज्य को मिली हैं। प्रदेश सरकार के स्तर की बात करुं तो राज्य को समान नागरिक संहिता कानून मिल चुका है। यह शीघ्र ही लागू होगा, जिसमें महिलाओं समेत सभी के हित सुरक्षित किए गए हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हुआ है। राज्य के हर व्यक्ति को अटल आयुष्मान योजना में लिया गया है। वृद्धावस्था पेंशन पति-पत्नी दोनों को मिल रही है। प्रतिभावान छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, खिलाडिय़ों के लिए आरक्षण, राज्याधीन सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण व राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई है। राज्य में जबरन मतांतरण रोकने को कानून सख्त किया गया है। सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान सरकार ने छेड़ा है। दंगाइयों पर लगाम को सख्त कानून लाया गया है।
–चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के सिवाय आपके पास और क्या है।
-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे नेता हैं। उत्तराखंड उनके दिल में वास करता है। उनकी जो सोच इस राज्य के प्रति है, वह यहां की आर्थिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण रहती है। इसके केंद्र में विकास ही प्रमुख मुद्दा रहता है। प्रदेश की धामी सरकार भी प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य के चहुंमुखी विकास को कदम उठा रही है। कई ऐतिहासिक निर्णय सरकार ने लिए हैं। वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प है। चुनाव में हम केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच रख रहे हैं।
–पांचों सीटों पर हैट्रिक का आधार क्या है और यह दावा किस भरोसे पर किया जा रहा।
-देखिये, वर्ष 2014 में राज्य की जनता ने राज्य में लोस की पांचों सीटें भाजपा को दी। इसके बाद वर्ष 2019 में पार्टी को 20 प्रतिशत अधिक मत मिले। वर्ष 2014 से राज्य में विकास की जो बयार है और इस आधार पर राज्य की जनता इस बार भी भाजपा को ही प्रचंड समर्थन देने जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि मैदानी क्षेत्र में प्रत्येक बूथ पर भाजपा को 370 मत ज्यादा मिलें, जबकि पहाड़ के बूथों पर पिछली बार के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक। जनता का भाजपा पर पूरा भरोसा है और हम इसी आधार पर कह रहे हैं कि इस बार 75 से 80 प्रतिशत वोट भाजपा के पक्ष में जाएगा।
–अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वोट को कांग्रेस अपना मानती है। भाजपा की इसमें कितनी हिस्सेदारी है।
कांग्रेस ने हमेशा ही तुष्टिकरण की राजनीति की है। उसकी स्थिति ये हो गई है कि जब भी देवभूमि के स्वरूप के विषय होते हैं, उसमें कांग्रेस के बयान जनता को आक्रोशित करते हैं। अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा के विषय में कांग्रेस के रवैये से सभी में गुस्सा था। हम राज्य में समान नागरिक संहिता लेकर आए तो इसे लेकर कांग्रेस ने जो बयान दिए, वह बेतुके थे। समाज में भ्रम फैलाकर वोट की राजनीति का जो हथियार कांग्रेस अपनाती थी, वह अब समाप्त हो गया है। यही कारण है कि आज अल्पसंख्यक समाज के लोग थैंक्स मोदी कर रहे हैं। देश में गरीब और वंचित वर्ग की सबसे अधिक चिंता प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास की दृष्टि से योजनाएं लाई गई हैं और यही मोदी की गारंटी है।
–कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रही है, आपकी क्या रणनीति है।
-विपक्ष कांग्रेस मुद्दाविहीन है। उसके पास कोई विषय नहीं है। वह हमारे विषयों पर राजनीति कर रही है। हमारे अच्छे कार्यों का विरोध करना ही कांग्रेस का काम होकर रह गया है। जिन विषयों को कांग्रेस उठा रही है, उनमें उसे जनता का कोई समर्थन नहीं हैं। हाल में कांग्रेस ने वनंतरा रिसार्ट प्रकरण का मुद्दा उठाया, लेकिन इसमें जिस त्वरित गति से सरकार ने कार्रवाई की, उससे जनता संतुष्ट है। अब मामला न्यायालय में है, लेकिन कांग्रेस न्यायालय पर भी प्रश्न खड़े कर हंसी का पात्र बन रही है। जहां तक हमारी रणनीति है तो हम विकास के मुद्दे को प्रमुखता से रख रहे हैं।
–शहरी क्षेत्र भाजपा के बड़े वोट बैंक माने जाते हैं, लेकिन शहरों की स्थिति खराब है। आपका क्या कहना है।
मैं स्वीकार करता हूं कि अनेक स्थानों पर जनअपेक्षाओं के अनुसार कदम नहीं उठ पाए। इसका कारण भी है। शहरों का विस्तार होने के साथ ही आबादी बढ़ रही है। नगरीय आकार ले चुकी कई ग्राम पंचायतों को नगर निकाय बनाया गया। ऐसे में अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। यद्यपि, 10 साल पहले की स्थिति से अब की तुलना की जाए तो स्थिति में सुधार आया है। नागरिक सुविधाएं विकसित हुई हैं। जनसहभागिता के साथ सरकार ने कड़ाई से निर्णय लिए हैं। भविष्य में शहरों में गुणात्मक सुधार के और अधिक प्रयास किए जाएंगे।