आजमगढ़: किसी कवि ने कहा है कि ‘प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहे’ प्रेम सागर से गहरा है, नभ से बड़ा है, प्रेम होता है दिखता नहीं है मगर प्रेम की ही धुरी पर ही ये जग खड़ा है. प्रेम की व्याख्या हर युग के रचनाकार, साहित्यकार, ऋषि मुनि, सहित चिंतकों ने अनेक प्रकार से वर्णन किया है. कुछ ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में देखने को मिला, जहां एक किन्नर से युवक ने शादी रचाई, जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है.आजमगढ़ जिले के महाराजगंज ब्लॉक स्थित भैरव धाम परिसर में उस वक्त लोगों की भीड़ जमा हो गई, जब यहां एक किन्नर और एक लड़के का प्रेम परवान चढ़ा और वो दोनों भैरव बाबा को साक्षी मानकर एक दूजे के होते हुए परिणय सूत्र में बंध गए.
दरअसल जलपाईगुड़ी वेस्ट बंगाल के निवासी मुस्कान नाम का किन्नर विगत दो सालों पूर्व मऊ जिले में एक नृत्य कार्यक्रम के लिए आया था. यहां उसकी मुलाकात मऊ जिले के मोहम्म्दाबाद गोहना थाना क्षेत्र के देवसीपुर गांव निवासी वीरू राजभर से हुई। पहली मुलाकात में ही दोनों एक दूसरे को अपना दिल दे बैठे. विगत डेढ़ साल से वीरू और मुस्कान वीरू के घर ही रहने लगे. इस बीच दोनों का प्यार और भी प्रगाढ़ हुआ और मन ही मन दोनों एक दूसरे का हमसफर बनने को राजी हो गए. और दोनों ने भैरव बाबा को साक्षी मानकर उनके समक्ष एक दूसरे का दामन थाम लिया. वीरी ने वरमाला पहनाई, सिन्दूरदान हुआ और फिर दोनों परिणय सूत्र में हमेशा-हमेशा के लिए बंध गए।
महराजगंज स्थित भैरव धाम में एक युवक ने किन्नर से शादी कर ली। विधि-विधान पूर्वक हुई शादी चर्चा का विषय बनी रही। दोनों ने भैरव बाबा को साक्षी मानकर साथ जीने- मरने की कसम खाई। दोनों के निर्णय में युवक के परिवार के सदस्यों ने भी साथ दिया। युवक ने बताया कि हमारे परिवार को काेई आपत्ति नहीं है। भैरव बाबा के सामने एक-दूसरे का दामन थाम लिया है।