नई दिल्लीः ईडी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. इसमें कहा कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ पैमाने में सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है. घोटाले की अवधि के दौरान लगभग 170 मोबाइल फोनों को नष्ट किया गया. बता दें कि केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस पर सुनवाई करते हुए ईडी को 24 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा था. अगली सुनवाई की तारीख 29 अप्रैल तय की थी.
हलफनामे में ईडी ने यह भी कहा है कि केजरीवाल को नौ बार समन दिया गया, लेकिन वो बचते रहे. जब हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाया, तब उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया. ईडी ने इस आरोप को गलत बताया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का समय राजनीति से प्रेरित था. ईडी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर्याप्त सुबूतों के आधार पर हुई और चुनाव की अखंडता से कोई समझौता नहीं किया गया था.
Delhi liquor policy case: Enforcement Directorate (ED) has filed an affidavit in the Supreme Court opposing Delhi CM Arvind Kejriwal's plea against his arrest, saying he did not cooperate with the Central agency despite multiple summons issued to him.
Arvind Kejriwal was… pic.twitter.com/N6rnxulIBd
— ANI (@ANI) April 25, 2024
सुबूतों के आधार पर की गई गिरफ्तारी
ईडी ने कहा कि किसी भी आरोपित व्यक्ति की गिरफ्तारी सुबूतों के आधार पर ही की जाती है, भले ही वह किसी भी पद पर क्यों न हो. हलफनामे में आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट देने के विरोध में कहा गया कि यदि ऐसा किया जाए तो इससे चुनावी प्रक्रिया की अखंडता कमजोर हो जाएगी. इसमें कहा गया कि सुबूतों के आधार पर आरोपित की गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करती है.
प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना है. उदाहरण के तौर पर, इसमें कहा गया है कि घोटाले की अवधि के दौरान 36 व्यक्तियों द्वारा 170 सेलफोन बदल दिए गए और नष्ट कर दिए गए. बता दें कि ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से किए गए आबकारी घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है.
AAP की भी आई प्रतिक्रया
ईडी के हलफनामे पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आई है. आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी भाजपा के इशारे पर सिर्फ “झूठ उगलने वाली मशीन” है. आप ने कहा, ”भाजपा अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकना चाहती है…यह ईडी की जांच नहीं है, यह भाजपा की जांच है.” आप ने कहा कि ईडी बीजेपी के राजनीतिक सहयोगी की तरह काम कर रही है. इसमें कहा गया है कि एजेंसी के पास केजरीवाल और गिरफ्तार किए गए अन्य नेताओं के खिलाफ कोई सबूत नहीं है.