नई दिल्ली/पटना : यूजीसी-नेट मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम जब कुछ संदिग्धों की जांच व पूछताछ के लिए बिहार के नवादा जिले में पहुंची तो लोगों ने फर्जी सीबीआई टीम समझकर सीबीआई टीम के लोगों पर हमला बोल दिया। मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण बिहार पुलिस तत्काल एक्टिव हो गयी और मामले में चार लोगों को गिरफ्तार करके कार्रवाई शुरू कर दी।
कहा जा रहा है कि यूजीसी-नेट परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम पर बिहार के नवादा में स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर हमला किया, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी की शिकायत पर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
बिहार पुलिस के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना शनिवार शाम उस समय हुई जब सीबीआई की एक टीम इलाके के कसियाडीह गांव गई थी। घटना के बारे में नवादा के पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने रविवार को एक बयान में कहा, “सीबीआई अधिकारियों की एक टीम को शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे रजौली पुलिस थाने के अंतर्गत कसियाडीह गांव में ग्रामीणों के एक समूह ने घेर लिया, उनके साथ मारपीट की और उन पर हमला किया।”
बयान में कहा गया, “सूचना मिलने के तुरंत बाद राजौली थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को शांत किया जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई।”
फर्जी टीम समझकर किया हमला
पुलिस ने घटना के सिलसिले में मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि हमले में सीबीआई वाहन के चालक को मामूली चोट आई है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ग्रामीणों ने सोचा कि वे लोग फर्जी हैं, जो झूठ बोलकर सीबीआई अधिकारी होने का दावा कर रहे हैं। वे यूजीसी-नेट प्रश्नपत्र लीक मामले में कथित रूप से शामिल कुछ संदिग्धों की तलाश में गांव में पहुंचे थे, जिनके मोबाइल नंबरों के आधार पर पता चला था कि ये लोग संदिग्ध हैं।
नाम उजागर न करने की शर्त पर नवादा में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “सीबीआई अधिकारी यूजीसी-नेट प्रश्नपत्र मामले के सिलसिले में एक ग्रामीण फूलचंद की तलाश कर रहे थे। उन्होंने फूलचंद के घर से दो मोबाइल फोन जब्त किए।”
दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट समेत अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर सीबीआई ने बृहस्पतिवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने जूनियर रिसर्च फेलो, सहायक प्रोफेसर और पीएचडी स्कॉलर्स के चयन के लिए 18 जून को देश भर में दो पालियों में यूजीसी-नेट-2024 परीक्षा आयोजित की थी।
सूत्रों ने बताया कि अगले दिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध जोखिम विश्लेषण इकाई से सूचना मिली कि यह पेपर ‘डार्कनेट’ पर उपलब्ध है और कथित तौर पर पांच-छह लाख रुपये में बेचा जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था आई4सी से प्राप्त जानकारी से “प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है।”