नैनीताल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत गैरसैंण में आहूत किए गए उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र पर सवाल खड़े किए है. उन्होंने दोबारा से उत्तराखंड विधानसभा का सत्र आहूत करने की मांग की है. गैरसैंण में चले तीन दिवसीय मॉनसून सत्र को हरीश रावत ने महज औपचारिकता करार कर दिया है. इसीलिए उन्होंने फिर से गैरसैंण में सत्र कराने की मांग की है. हरीश रावत ने ये बयान नैनीताल में दिया है.
आपदा जैसे मुद्दे पर केवल आधे घंटे चर्चा हुई
हरीश रावत ने नैनीताल के राज्य अतिथि ग्रह में पत्रकार वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि के उत्तराखंड काफी संवेदनशील प्रदेश है. फिर भी मॉनसून सत्र में आपदा जैसे मुद्दे पर मात्र आधे घंटे ही चर्चा की गई, जो केवल औपचारिकता मात्र है. इसके अलावा महिला अपराध जैसे मुद्दों पर सरकार मौन है.
महिला अपराध पर सरकार मौन
हरीश रावत ने कहा कि बीते एक महीने में उत्तराखंड के अंदर महिलाओं से जुड़े 9 आपराधिक मामले सामने आए है, जिन पर सरकार ने मौन साध रखा है. महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर एक दिन भी सत्र में चर्चा नहीं की गई, जो बेहत गंभीर विषय है. इसीलिए सरकार को दोबार से सत्र आहुत करना चाहिए. ताकि गंभीर मामलों पर विस्तार से चर्चा हो और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कठोर कानून बनाए जाए.
ठेकेदार बना रहे विकास कार्यों की योजना
हरीश रावत ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में विकास कार्यों को रोड मैप इंजीनियर नहीं, बल्कि ठेकेदार बना रहे है. इसके अलावा उन्होंने सरकार पर विधानसभा में विधायकों की आवाज दबाने का भी आरोप लगाया है. बीजेपी सरकार ने कोई भी विधायक अपने और जनता के सवालों को सत्र में नहीं रख पा रहा है.
गैरसैंण को कांग्रेस बनाएगी स्थायी राजधानी
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के प्रश्न पर हरीश रावत ने कहा भाजपा सरकार ने गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने का सपना दिखाया था. मगर आज तक स्थाई राजधानी पर कोई कार्य नहीं हुए, केवल सरकार ने नेशनल हाईवे के किनारे बोर्ड लगा कर गैरसैंण को राजधानी बनाया है, जो गैरसैंण के लोगों की भावनाओं के साथ केवल मजाक है. गैरसैंण में सरकार का कोई अधिकारी तक नहीं बैठता है. गांव में बिजली पानी की समस्या है. हरीश रावत ने दावा किया अगर 2027 के चुनाव में जनता कांग्रेस को जनमत देगी तो कांग्रेस गैरसैंण को राजधानी बनाएगी.
निकाय चुनाव से डर रही सरकार
निकाय चुनाव हो रही देरी पर हरीश रावत ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि राज्य सरकार कायर हो गई है या डरी हुई है, जो निकाय चुनाव में देरी कर रही है. विधानसभा से पारित विधेयक को प्रवर समिति को भेज रही है, जो अपने आप में सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है. ऐसा करके सरकार सामूहिक सदन के फैसले का मजाक बना रही है, अगर सरकार को सदन के फैसले को बदलना था तो पूर्व में पारित विधेयक को समाप्त करती और फिर नया विधेयक लाती. मगर सरकार ने ऐसा न कर विधेयक को प्रवर समिति के पास भेज दिया.