देहरादून: हाल ही में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिले के जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा है, जिसमें पिछले 10 से 15 सालों में सभी जिलों में आई आपदाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में ये भी कहा गया है कि आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए किए गए राहत कार्यों और मरम्मत निर्माण कार्यों का मूल्यांकन किया जाए. साथ ही ये भी देखा जाए कि इन प्रयासों में कहां-कहां कमियां रह गई हैं.
आपदा प्रबंधन में खामियों की स्टडी कर नई रणनीति की जाएगी तैयार
उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन विभाग ने जनप्रतिनिधियों, मीडिया और आपदा से प्रभावित लोगों से बातचीत कर आकलन करने की प्रक्रिया को भी महत्वपूर्ण बताया है. साथ ही ये निर्देश दिया गया है कि आपदा प्रबंधन में की गई कमियों की स्टडी कर एक नई रणनीति तैयार की जाए. ताकि, भविष्य में यदि कोई आपदा जैसी स्थिति आती है तो विभाग पूरी तरह से तैयार रहें.
सभी जिलाधिकारियों को दिसंबर महीने में पेश करनी होगी मूल्यांकन और परीक्षण की रिपोर्ट
इसके अलावा पत्र में ये भी उल्लेख किया गया है कि आपदा प्रबंधन के उपकरणों का परीक्षण किया जाए. यदि कोई उपकरण खराब हो तो उसका मरम्मत किया जाए या नए उपकरण लाकर उसकी ट्रेनिंग दी जाए. ताकि, आपदा की स्थिति में सही तरीके से उसका इस्तेमाल किया जा सके. खराब हो चुके उपकरणों को डिस्पोज करने की भी सलाह दी गई है. विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दिसंबर महीने तक इस मूल्यांकन और परीक्षण की रिपोर्ट तैयार कर पेश करें.