नई दिल्ली: यमुनापार के सबसे बड़े अस्पताल में एक दंपती के लिए खुशी का पल तनाव में बदल गया। यहां प्रसव के एक घंटे बाद ही बच्चा लेबर रूम से चोरी हो गया। परिवार को पता चला तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। आसपास खोजबीन शुरू की गई। लेकिन बच्चे का पता नहीं चला। परिवार की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी कर जांच शुरू की। अस्पताल में लगे सीसीटीवी की फुटेज खंगाली गई। इसमें एक अधेड़ उम्र की महिला बच्चे को ले जाती हुई नजर आई। लेबर रूम की नर्स ने पूछताछ में बताया कि उसने खुद को बच्चे की नानी बताया था।
गुरुवार रात हुआ था प्रसव
सीमापुरी में रहने वाले कार्तिक शर्मा ने बताया कि उन्होंने गत गुरुवार को पत्नी पूजा को प्रसव पीड़ा के साथ जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया था। रात में आपरेशन थियेटर खाली नहीं होने के कारण तीन बार पूजा को वार्ड में भेज दिया गया। शुक्रवार दोपहर एक बजे उन्हें लेबर रूम में ले गए। इसके बाद आपरेशन हुआ। लेकिन इसकी सूचना हम लोगों को नहीं दी गई। मैं अपनी मां और दादी के साथ बाहर ही बैठा था। दो बजे जब मैं पता करने के लिए लेबर रूम के बाहर तैनात महिला गार्ड के पास पहुंचा तो वह अंदर ले गई।
घरवालों को पता ही नहीं चला
मुझे बताया गया कि लड़का हुआ है। उसे उसकी नानी को दे दिया गया। वह उसे लेकर नर्सरी में गई है। जबकि बच्चे की नानी यहां नहीं थी। हम लोग नर्सरी में पहुंचे तो वहां पता चला कि नवजात को यहां भर्ती किया गया था लेकिन 15 मिनट बाद ही उक्त महिला उसे अपने साथ लेकर चली गई। परिवार का आरोप है कि महिला गार्ड की मिलीभगत से उसने बच्चे की चोरी की। इसके बाद परिवार के अन्य लोग भी अस्पताल पहुंच गए। यहां हंगामा होने लगा। अस्पताल प्रशासन ने समझाने की कोशिश की लेकिन फिर पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस ने यहां लगे सीसीटीवी की कई फुटेज निकाली हैं। इसमें महिला का आधा चेहरा नजर आया। यह भी पता चला है कि वह अस्पताल के गेट नंबर सात से बच्चे को लेकर बाहर चली गई। उसके साथ महिला गार्ड बातचीत करते हुए भी नजर आई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपित की तलाश की जा रही है।
साजिश रचकर दिया वारदात को अंजाम
बच्चा चोरी करने वाली महिला यहां पूरी तैयारी के साथ आई थी। वह लेबर रूम के बाहर काफी देर से खड़ी थी। जब पूजा अंदर गई तो उसने अपना परिचय उसकी मां के रूप में गार्ड को दिया। उसने अपना नाम हीना बताया। यही नहीं उसने नर्सरी में भर्ती के लिए बच्चे का कार्ड भी खुद बनवाया। इस पर उसने अपने हस्ताक्षर किए।
पांच सदस्यीय समिति गठित
इस मामले में लापरवाही की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन ने भी पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी है। चिकित्सा निदेशक डा. सुभाष गिरि की अध्यक्षता में गठित समिति लापरवाही की जांच के साथ खामियों को भी इंगित करेगी। सुधार के उपाय भी सुझाएगी।