बलरामपुर: इस दुनिया में ईश्वर का बनाया नियम है कि इंसान, इंसान को जन्म देगा, जानवर अपनी ही प्रजाती के जानवर को जन्म देगा लेकिन जब एक जीव अपनी प्रजाती के जीव को जन्म न देकर दूसरी प्रजाती के जीव को जन्म दे, तो इसे ईश्वर का करिश्मा ही माना जाएगा। ऐसी ही एक घटना ने गांववालों के होश फाख्ता कर दिए जब गांव में एक भैंस ने भैंस के बच्चे को जन्म देने के बजाय तेंदुए की तरह दिखने वाले बच्चे को जन्म दिया। जिसने भी यह सुना वह दौड़ा- दौड़ा कुदरत के इस करिश्मे को देखने चला आया।
तेंदुए जैसा दिखने वाला भैंस का बच्चा
दरअसल, पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के हर्रैया सतघरवा ब्लाक एवं बनकटवा रेंज के गांव भगवानपुर गांव का है। यहाँ एक भैंस ने तेंदुए जैसे दिखने वाले बच्चे को जन्म दिया तो सोशल मीडिया पर भी ये खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। हर कोई इस घटना से हैरान है। पीले रंग के तेंदुए जैसे दिखने वाले इस जीव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। पशु चिकित्सक भी हैरान हैं क्योंकि एक जीव का दूसरे जीव के बच्चे को जन्म देना प्रकृति के नियम में नहीं आता।
क्या कहा जानकारों ने
सोशल मीडिया पर भैंस के साथ तेंदुए जैसा दिखाई देने वाले बच्चे की तस्वीरें वायरल हुई तो बड़े चिकित्साधिकारियों के सामने मामला आया। पूरी घटना को जानने और तस्वीरों को देखने के बाद सबने अलग-अलग तर्क दिए। कुछ जानकारों ने कहा कि यह तेंदुए के स्पर्म की वजह से हो सकता है। माना गया कि गलती से भैंस में तेंदुए का स्पर्म चला गया होगा, इस वजह से ऐसा संभव हुआ। बता दें कि दूध या डेरी का व्यापर करने वाले व्यापारी ज्यादातर कृत्रिम गर्भाधान का सहारा लेकर अपनी मादा पशु का गर्भाधान करवाते हैं। मुमकिन है कि इसी दौरान गलत स्पर्म इंजेक्ट करने से ऐसा हो गया हो।
क्या होता है कृत्रिम गर्भाधान
पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान एक ऐसी कला है, जिसमें सांड या नर भैंसे से वीर्य लेकर उसको विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से संचित किया जाता है। यह संचित किया हुआ वीर्य तरल नाइट्रोजन में कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इस संचित किए हुए वीर्य को मादा के गर्भाशय में रखने से मादा पशु का गर्भाधान किया जाता है। गर्भाधान की इस क्रिया को कृत्रिम गर्भाधान कहा जाता है।
Source : “OneIndia”