नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों के लिए उन्होंने कई घोषणाएं की। साथ ही इस बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है। 12 लाख रुपये तक पर से टैक्स हटा दिया गया है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने बजट को लेकर कहा कि यह बजह एक फोर्स मल्टिप्लायर है। यह बजट सेविंग्स, निवेश, ग्रोथ और कंजंप्शन को बढ़ाएगा। मैं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी पूरी टीम को जनता जनार्दन का बजट, इसके लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं। आमतौर पर बजट का फोकस इस बात पर रहता है कि सरकार का खजाना कैसे भरेगा। लेकिन ये बजट उससे बिल्कुल उल्टा है। लेकिन यह बजट देश के नागरिकों की जेब कैसे भरेगी और उनकी बचत कैसे बढ़ेगी, ये बजट इसकी बहुत मजबूत नींव रखता है।
न्यूक्लियर एनर्जी में प्राइवेट सेक्टर की एंट्री
पीएम मोदी ने कहा कि न्यूक्लियर इनर्जी में प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देना ऐतिहासिक फैसला है। बजट में रोजगार के सभी क्षेत्रों को हर प्रकार से प्राथमिकता दी गई है। इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेट्स देने के कारण भारत में बड़े जहाजों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। सब जानते हैं कि शिप बिल्डिंग सर्वाधिक रोजगार देने वाला विभाग है। वहीं टूरिज्म भी सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। चारों तरफ रोजगार के अवसर पैदा करने वाला यह क्षेत्र उर्जा देने का काम करेगा। आज देश विकास भी, विरासत भी इस मंत्र को लेकर चल रहा है। इस बजट में भी इसके लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। एक करोड़ पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए विनान भारतम मिशन लॉन्च किया गया है।
इनकम टैक्स पर क्या बोले पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि बजट में किसानों के लिए जो घोषणा हुई है, वह कृषि क्षेत्र और समूची ग्रामीण व्यवस्था में नई क्रांति का आधार बनेगी। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख तक होने से उन्हें ज्यादा मदद मिलेगी। इस बजट में 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स से मुक्त कर दिया गया है। सभी आय वर्ग के लोगों के लिए टैक्स में भी कमी की गई है। इसका बहुत बड़ा फायदा हमारे मिडिल क्लास को, नौकरीपेशा को जिनकी आय बंधी हुई है, ऐसे लोगों को इसका लाभ होने वाला है। जो नए-नए जॉब मिले हैं, इनकम टैक्स की ये मुक्ति, उनके लिए बहुत बड़ा अवसर बन जाएगी। इस बजट में मैन्युफैक्चरिंग पर 360 डिग्री फोकस है, ताकि एत्राप्रन्योर्स को और एमएसएमई को मजबूती मिले, ताकि नए जॉब पैदा हों।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (1 फरवरी, 2025) रिकॉर्ड लगातार 8वां केंद्रीय बजट पेश की. वित्त मंत्री ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. वेतनभोगी करदाताओं को बड़ी सौगात देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा. 7.5 करोड़ कर रिटर्न दाखिल करने वालों में से लगभग 85 फीसदी को राहत मिलेगी क्योंकि सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय वालों को कर में छूट दी है.
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नई इनकम टैक्स स्लैब
0-4 लाख रुपये | शून्य |
4-8 लाख रुपये | 5% |
8-12 लाख रुपये | 10% |
12-16 लाख रुपये | 15% |
16-20 लाख रुपये | 20% |
20-24 लाख रुपये | 25% |
24 लाख रुपये से अधिक | 30% |
वित्त मंत्री ने धारा 87ए के तहत कर छूट में वृद्धि की घोषणा की है. इस बढ़ोतरी के कारण 12 लाख रुपये तक की टैक्स आय वाले निवासी व्यक्तियों को शून्य टैक्स देना होगा. नई टैक्स व्यवस्था के तहत 75,000 रुपये के मानक कटौती लाभ वाले वेतनभोगी व्यक्तियों को शून्य कर देना होगा, यदि कर योग्य आय 12.75 लाख रुपये से अधिक नहीं है. मौजूदा आयकर कानून नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर की अनुमति देते हैं.
आसान शब्दों में समझें
सरल शब्दों में मोटे तौर पर, 13 लाख रुपये तक की कुल आय (12 लाख रुपये की छूट, 75,000 रुपये की मानक कटौती और लगभग 30,000 रुपये की मामूली राहत सहित) कर मुक्त होगी. हालांकि, इससे ऊपर की कोई भी आय संशोधित स्लैब के आधार पर पूरी आय पर कर आकर्षित करेगी.
अब जब आयकर की गणना की जाती है, तो इसे स्लैब दरों के अनुसार भागों में विभाजित किया जाता है. उदाहरण के लिए सालाना 16 लाख रुपये कमाने वालों के लिए उनकी आय को चार भागों (शून्य-4 लाख रुपये, 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये, 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये, 12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये) में विभाजित किया जाएगा.
शून्य-4 लाख रुपये की आय पर, कोई कर नहीं लगेगा (इसे छूट कहा जाता है. यह आय स्तर के बावजूद सभी पर लागू होता है)- 4 लाख से 8 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी कर लगेगा (इस 4 लाख रुपये की आय पर 20,000 रुपये का कर), 8,00,001 रुपये से 12,00,000 रुपये के बीच की आय पर 10 फीसदी कर (40,000 रुपये), 12 लाख से 16 लाख रुपये के बीच की आय पर अतिरिक्त 4 लाख रुपये पर 15 फीसदी कर (60,000 रुपये).
इसलिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 16 लाख रुपये कमाने वाले व्यक्ति को 1,20,000 रुपये का भुगतान करना होगा, जो पहले की कर दरों और स्लैब की तुलना में 50,000 रुपये का लाभ है.
इसलिए 12 लाख रुपये से कम आय के लिए कर स्लैब 12 लाख रुपये से कम कमाने वालों के लिए नहीं है. यह एक वर्ष में 12 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों के लिए कर गणना के लिए है.