बजट सत्र के चौथे दिन सदन में पास हुए 11 विधेयक, उत्तराखंड प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल को सदन से मिली हरी झंडी, उत्तराखंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी विधेयक हुआ पास

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चौथे  दिन है. विधानसभा सत्र का चौथा दिन कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. विधानसभा सत्र के चौथे दिन उत्तराखंड में सख्त भू कानून सदन के पटल पर रखा गया. जिसे मंजूरी मिल गई है. इसके अलावा 10 और विधेयक आज सदन में रखे गये. ये सभी विधेयक पास हो गये हैं.

सदन में ये सभी विधेयक पास हुए

  • नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान संशोधन विधेयक पास
  • उत्तराखंड निक्षेपक हित संरक्षण विधेयक 2025 पास
  • विधानसभा में विधेयकों की पेंशन विधेयक पास
  • उत्तराखंड नीरसन विधेयक पास
  • उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास संशोधन विधेयक पास
  • उत्तराखंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी विधेयक पास
  • स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण विधायक 2025 पास
  • कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण विधायक पास
  • उत्तराखंड प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल को सदन से हरी झंडी
  • उत्तराखंड माल और सेवा कर संशोधन विधेयक को सदन से हरी झंडी

इसके अलावा उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था संशोधन विधेयक 2025 सदन के पटल पर रखा. जिस पर विपक्ष ने चर्चा की मांग की. चर्चा के पास भू कानून को पारित कर दिया गया.

 

भू कानून के नियम

  1. निकाय सीमा में तय भू उपयोग से हटकर जमीन के इस्तेमाल करने पर भी सख्त कार्रवाई होगी.
  2. अब राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन खरीद की मंजूरी नहीं दी जाएगी.
  3. पहाड़ों पर चकबंदी और बंदोबस्ती को तेजी से पूरा किया जाएगा.
  4. दूसरे राज्य के लोगों के लिए राज्य में जमीन खरीदना बेहद मुश्किल हो जाएगा. जमीनों की खरीदारी के लिए अब डीएम अनुमति नहीं दे पाएंगे.
  5. प्रदेश में जमीन खरीद के लिए पोर्टल बनाया जाएगा. पोर्टल में राज्य के बाहर के लोगों की एक एक इंच जमीन खरीद का भी ब्यौरा दर्ज होगा.
  6. सभी डीएम को राजस्व परिषद और शासन को सभी जमीनों की खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी.
  7. राज्य से बाहर के लोगों के इसका दुरुपयोग करने सरकार स्तर से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
  8. नियमों से हटकर किए गए इस्तेमाल पर जमीन सरकार में निहित की जाएगी.
  9. भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी.
  10. सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी.
  11. पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा.
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