देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पहाड़ी-देसी वाले बयान और भू कानून के मामले पर सरकार को घेरा. साथ ही माफी मांगने को कहा है.
संसदीय कार्य मंत्री के बयान से आहत हुआ जनमानस
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रेमचंद अग्रवाल के विवादास्पद बयान पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल ने जिस तरह का आचरण विधानसभा में किया है, उससे राज्य की साख पर बट्टा लगा है. विधानसभा में पर्वतीय मूल के लोगों के लिए जो बयान दिया गया है, उस बयान से पहाड़ का जनमानस आहत हुआ है. उनका बयान किसी भी तरह से बर्दाश्त योग्य नहीं है.
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि विवादित बयान देने के बावजूद बीजेपी मौन साधे हुए हैं. बीजेपी ने उनके खिलाफ अभी तक न तो कोई वक्तव्य दिया है और न ही उन्हें कोई नोटिस दिया है. इससे भी ज्यादा अफसोस जनक रहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने एक बार भी कैबिनेट मंत्री को नहीं टोका. कांग्रेस ने मांग उठाई कि बीजेपी अपने मंत्री से जवाब तलब करें और माफी मांगने को कहें.
भू कानून को बताया जनता के साथ छलावा
कांग्रेस ने भू कानून को उत्तराखंड की जनता के साथ छलावा बताया है. सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने नारायण दत्त तिवारी सरकार के समय लाए गए भू कानून को नष्ट और भ्रष्ट किया. तिवारी सरकार के समय लागू किए गए भू कानून में बेहतरीन व्यवस्थाएं हुआ करती थीं, लेकिन साल 2018 में त्रिवेंद्र सरकार ने इस भू कानून में बदलाव कर दिया.
उसके बाद अब धामी सरकार ने आते-आते एनडी तिवारी सरकार के समय में लाए गए भू कानून की सारी नियमों को बदलाव कर दिया. जिसका नतीजा ये हुआ कि पहाड़ से लेकर मैदान तक की सारी जमीनों को खुर्द बुर्द किए जाने का काम होने लगा. कांग्रेस ने इस भू कानून को आंखों में धूल झोंकने वाला बताया है.