देहरादून: उत्तराखंड में कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, एमएसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए नाबार्ड 30 हजार करोड़ का लोन देगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की फोकस रिपोर्ट जारी की। उन्होंने बैंकों को इन योजनाओं में बेहतर काम करने, सभी की मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए। मंगलवार को सुभाष रोड स्थित होटल में नाबार्ड के स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 की शुरुआत सीएम धामी ने की। उन्होंने कहा कि नए वित्तीय वर्ष में नाबार्ड, राज्य को 30301 करोड़ रुपये का ऋण दे सकेगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है। यह हमारे किसानों, बागवानी तथा छोटे-छोटे उद्योगों में लगे लोगों की आजीविका बढ़ाने में कारगर साबित होगी।
सीएम ने कहा कि जरूरतमंदों को ऋण लेने में कोई परेशानी न हो। योग्य लोगों तक सरलता से लोन पहुंचाने पर बैंकों को ध्यान देना होगा। उन्हें मिशन मोड पर काम करना होगा। पिछले वर्ष नाबार्ड ने प्रदेश को दस हजार करोड़ रुपये की 4515 परियोजनाओं की मंजूरी दी, जिसके लिए सीएम ने आभार जताया। उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी ऋण की कमी वाले तीन जिलों में ऋण आवंटन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
सीएम धामी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो भी प्रस्ताव रखे जाते हैं, उन पर गंभीरता से फैसला लिया जाता है। भारत इस वर्ष जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। यह देश के लिए ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ को बढ़ावा देने का अच्छा अवसर है। जी-20 की दो महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखंड में भी प्रस्तावित हैं। भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष भी घोषित किया है। इससे हमारे मोटे अनाजों को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। केेंद्र सरकार की ओर से मंडुवा को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की स्वीकृति देने पर भी उन्होंने पीएम मोदी का आभार जताया। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, नाबार्ड के प्रभारी अधिकारी डॉ. सुमन कुमार, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई लता विश्वनाथ आदि अधिकारी मौजूद रहे।