नई दिल्ली: दक्षिण पश्चिम जिले के स्पेशल स्टाफ पुलिस टीम ने ईरानी गैंग के दो ठगों को गिरफ्तार किया है। ठग खुद को पुलिसकर्मी बताकर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने उनके कब्जे से 1120 यूएस डालर, 10 दिरहम, 150 यूरो, दो सेडान कारें, पुलिस विभाग के स्टीकर और पांच फर्जी नंबर प्लेट बरामद किए हैं। आरोपित ईरान के बलूचिस्तान के मूल निवासी हैं। यहां नोएडा सेक्टर 168 में रहते थे। उनकी पहचान गोलम बहरानी उर्फ खालिद खान और मोजतबा जोलफागरी के रूप में हुई है।
जानें पूरा मामला
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने बताया कि 12 मार्च को ईरानी नागरिकता वाले शिकायतकर्ता फतीह जामा मुहम्मद फेथ वसंत कुंज साउथ थाने में लूट की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वे महिपालपुर स्थित फाक्स एपैरेल्स शाप के पास खड़े थे कि इसी दौरान एक स्विफ्ट कार में सवार तीन-चार लोग उनके पास आए। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताया और शिकायतकर्ता से उनका बैग चेक कराने को कहा। चेकिंग के लिए जब उन्होंने अपना बैग दिया तो आरोपित उनके बैग में रखे 1680 यूएस डालर लेकर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। छानबीन के दौरान 14 मार्च को थाना पुलिस को गुप्त सूत्रों से पता चला कि आरोपित ईरानी गैंग के थे और वे नोएडा में एक अन्य वारदात को अंजाम देने के लिए मिलने वाले हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाकर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार के साथ पुलिस ने उक्त विदेशी मुद्राएं भी आरोपितों के कब्जे से बरामद कर लिया।
विदेशियों के सामने पुलिस बनकर लूट की वारदात को देते थे अंजाम
पूछताछ के दौरान आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वे वारदातों को अंजाम देने के लिए दो सेडान कारों पर अलग-अलग फर्जी नंबर प्लेट लगाकर उनका उपयोग करते थे। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर दोनों सेडान कारें, पांच फर्जी नंबर प्लेट और पुलिस विभाग के स्टीकर भी बरामद कर लिए। आरोपित वारदात को अंजाम देने से पहले कारों के नंबर प्लेट बदल देते थे और उन पर पुलिस विभाग का स्टीकर लगा देते थे। आरोपित गोलम बहरानी ने पुलिस को बताया कि वे लोग कुछ सालों पहले ईरान से दिल्ली आए थे। इसके बाद उन्होंने ईरान के अपने कुछ जानने वाले लोगों के साथ मिलकर ईरानी गैंग बनाया था। वे ज्यादातर विदेशी लोगों के सामने खुद को पुलिसकर्मी के रूप में पेश करके उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। इसके लिए वे रास्तों में चलते विदेशी नागरिकों को निशाना बनाते थे।