लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटरों को अपने साथ जोड़ने के लिए बीजेपी एक नई कवायद कर रही है. माना जा रहा है कि यह पहल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर है. बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में दिए गए भाषणों के अंश को इकट्ठा कर एक किताब तैयार की है. जिसकी करीब 1 लाख प्रतियां बीजेपी पिछले चुनाव में हारी हुई सीटों में स्ट्रेटजी के तहत मुस्लिम समाज में बाटेंगी. एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के जरीये समझते हैं कि क्या है बीजेपी की मास्टर स्ट्रेटजी और क्या कभी इस स्ट्रेटजी के सफल होने से सच में बीजेपी को मुस्लिम वोट मिल पाएंगे?
‘मन की बात‘ की उर्दू में छपेंगी किताबें
उत्तर प्रदेश में तकरीबन 11% मुस्लिम वोटर हैं, ट्रेंड में मालूम चलता है कि सामान्यतः ये वोटर विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस के बीच बंट जाते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में वोट का सबसे बड़ा अंश समाजवादी पार्टी को मिला था. अब आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा स्ट्रेटजी बनाने में लग गया है. यूपी में मिशन 80 में जुटी बीजेपी की नई रणनीति हारी हुई 14 लोकसभा सीटों के लिए है. नई स्ट्रेटजी खासतौर से मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर बीजेपी को बढ़त दिलाने को लेकर की जा रही है. सत्ता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात की उर्दू में किताबें छपवाकर एक लाख प्रतियां बांटेगी. मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में लोगों और मुस्लिम स्कॉलर्स को प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ की किताबें उर्दू में छपवाकर दी जाएंगी. साथ ही मुस्लिम समाज को बीजेपी से जोड़ने के लिए अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता लोगों के साथ मिलकर चर्चा भी करेंगे.
किताबों में क्या होगा?
इस किताब में प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में की गई बातों के अंश हैं, जहां रमजान से लेकर नवरात्रि तक त्योहारों को लेकर कई बातें की गई हैं. प्रधानमंत्री ‘सबका साथ सबका विकास’ को लेकर जो बात कहते हैं या देश को एक सूत्र में बांधने बात कहते हैं, उसे किताब में शामिल किया गया है. साथ ही इसमें अब्राहम को लेकर की गई बातें और बाबा रामदेव वाली बातें भी होंगी. अछूतों से जुड़े मुद्दों, परीक्षा पर चर्चा और समाज के हर तबके को साथ लाने की बातें शामिल की गई हैं. किताब का प्रारूप तैयार हो गया है और रमजान महीने में इसके कलेक्शन तैयार किए जाने हैं. इससे पहले इसका एक लॉन्चिंग इवेंट किया जाएगा, जिसके बाद सहारनपुर, रामपुर, मेरठ, कानपुर, बनारस, प्रयागराज और लखनऊ समेत खासतौर पर उन लोकसभा सीटों पर, जिनमें पिछले चुनाव में असफलता हाथ लगी थी, ऐसी जगहों पर बीजेपी ने खास तैयारी की है. इसके अलावा, मौलवी और शायर समाज के ऐसे लोग जो ओपिनियन लीडर हैं, उनसे खासतौर पर संवाद किया जाएगा.
अल्पसंख्यक मोर्चा तैयारी में है कि सपा और बसपा ने जो बातें बीजेपी के खिलाफ अल्पसंख्यक समाज में कहीं, उन्हें लेकर एक क्लियर स्टैंड रख सके. अल्पसंख्यक मोर्चे का मानना है कि आगामी चुनावों में लीडरशिप के तौर पर लिए गए फैसलों, चाहे वे केंद्र सरकार के या फिर राज्य सरकार के हों, उन्हें लोगों के बीच लेकर जाया जाएगा. मोर्चे के मुताबिक, सात करोड़ से ज्यादा मुसलमानों के हित में सरकार जो काम कर रही है, उन सूचनाओं को भी लेकर जाने की तैयारी की गई है.