नई दिल्ली : राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। बता दें कि गुरुवार को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 32 के तहत हम इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते। हम इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने ये भी कहा कि हम जानते हैं कि आप ऐसी याचिकाएं क्यों दायर करते हैं, हम इस पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। पीठ ने आगे कहा कि आप खुशनसीब हैं कि हम आप पर जुर्माना नहीं लगा रहे हैं।
Supreme Court declines the PIL seeking a direction that the new Parliament building should be inaugurated by President Droupadi Murmu on 28th May. https://t.co/Cu8Z35TRza
— ANI (@ANI) May 26, 2023
याचिका पर जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उद्घाटन में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके केंद्र सरकार ने भारत के संविधान का उल्लंघन किया है।
याचिका में कहा- राष्ट्रपति को न बुलाना अनुचित है
याचिका में तर्क दिया गया था कि केंद्र सरकार ने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया, जो अनुचित है। याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है। शिलान्यास समारोह से राष्ट्रपति को दूर क्यों रखा गया? अब उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया है। सरकार का यह फैसला उचित नहीं है। बता दें कि कांग्रेस, टीएमसी, आप, एआईएमआईएम और जेडी (यू) समेत 20 विपक्षी दलों ने कहा कि वे 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेंगे।