भागलपुर: नवगछिया के महदतपुर स्थित माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार को विषाक्त मध्याह्न भोजन खाने से करीब 200 बच्चे बीमार हो गये. सभी को अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया. बड़ी संख्या में बच्चों के अस्पताल पहुंचने से वहां अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी. ज्यादातर बच्चों में गला सूखने, पेट दर्द और सिर में चक्कर की आने शिकायत थी. कुछ बच्चों को उल्टी भी हो रही थी.
एंबुलेंस को कई बार महदलपुर गांव भेजा
सूचना मिलते ही एसडीओ उत्तम कुमार, एसडीपीओ दिलीप कुमार व बीईओ विजय कुमार झा ने अस्पताल पहुंचकर हालात की जानकारी ली. सभी पदाधिकारी देर रात तक अस्पताल में कैंप कर रहे थे. बच्चों को अस्पताल लाने के लिए अनुमंडल अस्पताल की एंबुलेंस को कई बार महदलपुर गांव भेजा गया. चिकित्सा पदाधिकारी वरुण कुमार, पीएचसी प्रभारी वो दास व आयुष चिकित्सक देवव्रत कुमार बच्चों के इलाज में लगे थे. जिन बच्चों में सामान्य लक्षण थे उन्हें ओआरएस और इंजेक्शन दिये गये. जिन्हें उल्टियां हो रही थी उन्हें स्लाइन चढ़ाया गया. सभी बच्चे खतरे से बाहर बताए गये.
प्लेट में छिपकली दिखी, शिक्षक ने कहा- बैगन की डंटी है
बच्चों ने बताया कि स्कूल में सभी मध्याह्न भोजन कर रहे थे. तभी आठवीं कक्षा के छात्र आयुष कुमार के प्लेट में छिपकली मिलने की बात सामने आयी. आयुष ने इसकी शिकायत रसोइया से की. रसोइया ने सब्जी हटा दी और बच्चों को दाल, चावल, प्याज व नमक परोस दिया. उसी दौरान चितरंजन कुमार दास नाम के शिक्षक ने बच्चों को बताया कि ये छिपकली नहीं बल्कि बैगन की डंटी है. वहीं छिपकली की शिकायत मिलने तक अधिकतर बच्चों ने भोजन कर लिया था. शाम होते-होते बच्चों की हालत बिगड़ने लगी.
195 बच्चों का हुआ इलाज, 12 को चढ़ाया गया स्लाइन :
देर रात बच्चों को घर भेजा जा रहा था. एसीएमओ अंजना कुमारी ने बच्चों की हालत को खतरे से बाहर बताया है. अस्पताल में 195 बच्चों का इलाज किया गया. 12 को स्लाइन चढ़ाया गया.
प्रधानाध्यापक व रसोइया सस्पेंड
मदहतपुर में मिड डे मील खाने से बच्चों के बीमार होने के मामले को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लेते हुए मदहतपुर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक चितरंजन प्रसाद सिंह और रसोइयों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जबकि अन्य शिक्षकों पर भी मामले में कार्रवाई संभव है. जिला कार्यक्रम प्रभारी मध्याह्न भोजन योजना विजय आनंद ने कहा कि पता चला है कि बच्चों के खाने में छिपकली गिर गया था. जिससे बच्चे बीमार पड़ गए. प्रथम दृष्टया प्रधानाध्यापक की लापरवाही सामने आयी है.