नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 जुलाई को एक बार फिर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश वासियों के बात करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का मन की बात कार्यक्रम का ये 103वां एपिसोड होगा। इस कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 11 बजे होगा।
प्रधानमंत्री ने मन की बात के लिए मांगे सुझाव
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस रेडियो कार्यक्रम के लिए लोगों से विचार और सुझाव साझा करने की अपील की है। इसके लिए आप टोल फ्री नंबर 1800-11-7800 पर फोन कर अपनी बात रिकॉर्ड करा सकते हैं। ये फोन लाइन 28 जुलाई, 2023 तक खुले रहेंगे। इसके साथ ही आप 1922 पर मिस्ड कॉल देकर SMS में प्राप्त लिंक के जरिए भी अपने सुझाव सीधे प्रधानमंत्री तक भेज सकते हैं।
‘मन की बात’ कार्यक्रम की 2014 में हुई थी शुरुआत
आपको बता दें साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने मासिक कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) की शुरुआत की थी। हर महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हैं। मन की बात का पहला एपिसोड साल 2014 के अक्टूबर महीने में प्रसारित हुआ था और अब अगले रविवार को इसका 103वां एपिसोड प्रसारित होने जा रहा है।
आम जनता से सीधे संवाद करते हैं प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी अपने इस कार्यक्रम विभिन्न मुद्दों पर बात करते हैं। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में विभिन्न विषयों को लेकर लोगों से भी बात करते हैं। इस कार्यक्रम के लिए आम जनता अपने विचार और सुझाव भी शेयर करती है। पीएम इनमें से कुछ को चुनकर अपने कार्यक्रम में शामिल करते हैं।
पीएम जन कल्याण से जुड़े मुद्दे पर करते हैं बात
मन की बात में प्रधानमंत्री जहां उनकी सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के साथ-साथ उन विषयों पर चर्चा करते हैं जो आम लोगों के जीवन और उनके कल्याण से जुड़ी होती है। में आम तौर पर दिखाई नहीं देते हैं।
मन की बात कार्यक्रम का मकसद सामाजिक और विकास से जुड़े मुद्दों को उठाने के साथ-साथ समस्याओं और उनके समाधान पर ध्यान केंद्रित होता है।
‘मन की बात’ कार्यक्रम का यहां होता है प्रसारण
‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार सुबह 11 बजे आकाशवाणी और डीडी चैनलों पर इस कार्यक्रम का प्रसारण होता है। दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क, आकाशवाणी समाचार की वेबसाइट और न्यूज एयर मोबाइल एप पर किया जाएगा। इसका सीधा प्रसारण डीडी न्यूज, पीएमओ और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यूट्यूब चैनलों पर भी किया जाता है। प्रसार भारती अपने आकाशवाणी नेटवर्क पर इस कार्यक्रम को 23 भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारित करता है। इसके अलावा, प्रसार भारती अपने विभिन्न डीडी चैनलों पर इस कार्यक्रम के दृश्य संस्करणों को हिंदी और अन्य भाषाओं में भी प्रसारित करता है।