अहमदाबाद: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुजरात हाईकोर्ट के चार न्यायाधीशों के तबादले की सिफारिश की है, इसमें वह न्यायाधीश भी शामिल हैं, जिसने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मानहानि के मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में राहुल गांधी के खिलाफ लोअर कोर्ट के 2 साल के कारावास के फैसले को बरकरार रखने वाले जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक को बिहार में पटना हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया जाएगा।
जस्टिस हेमंत ने फैसले में क्या कहा था?
हेमंत प्रच्छक अक्टूबर 2021 में गुजरात हाई कोर्ट के जज बने थे। ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल की याचिका कर दी थी। 123 पन्ने के फैसले में जस्टिस हेमंत ने कहा था कि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का कोई ‘आधार’ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि सजा पर रोक न लगाने से राहुल के साथ अन्याय नहीं होगा।
जस्टिस हेमंत ने अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता (राहुल गांधी) के खिलाफ करीब 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाना कोई नियम नहीं है बल्कि अपवाद है। इसका इस्तेमाल दुर्लभ मामलों में होना चाहिए। जज ने कहा था कि लोअर कोर्ट का आदेश न्यायसंगत और सही है।
कॉलेजियम ने की सिफारिश
वहीं, राजस्थान हाईकोर्ट के लिए जस्टिस समीर दवे की सिफारिश की गई है, जस्टिस ए.वाई. कोग्जे उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए और जस्टिस गीता गोपी की तमिलनाडु में मद्रास हाईकोर्ट के लिए सिफारिश की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम में जस्टिस एस.के. कौल, संजीव खन्ना, बी.आर. गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से जस्टिस सी. मानवेंद्रनाथ रॉय और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से जस्टिस अवनीश झिंगम को गुजरात स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की है।