देहरादून; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी सरकार समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए समिति बनाने तथा भ्रष्टाचार को दूर करने समेत उत्तराखंड की जनता से किए अपने सभी वादे पूरे कर रही है । रूद्रप्रयाग दौरे के दौरान धामी ने कहा, ”समान नागरिक संहिता के मसौदे के लिए समिति गठित करने वाला उत्तराखंड पहला प्रदेश था और अब गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्य इसका अनुसरण कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में 2014-15 से अनियमितताएं हो रही थीं, लेकिन जब यह उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने विशेष कार्यबल (एसटीएफ) से मामले की जांच करवाई। मुख्यमंत्री ने कहा, ”इसके परिणामस्वरूप, अनियमितताओं में लिप्त 45 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा गया। यह जांच तब तक जारी रहेगी, जब तक कि अनियमितताओं में शामिल आखिरी व्यक्ति जेल न पहुंच जाए।”
महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए जा रहे कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2025 में राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने तक प्रदेश में एक लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, ”महिलाओं को अपना व्यवसाय स्थापित करने तथा समृद्ध होने के लिए ब्याज रहित ऋण दिया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास को बढ़ावा देने के लिए अन्य पर्वतीय राज्यों की अच्छी बातों को अपने प्रदेश में भी लागू किया जाएगा। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां प्रत्येक सेब उत्पादक हर साल औसतन तीन करोड़ रुपये कमा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार आने वाले वर्षों में 1000 नए बगीचे विकसित करेगी।
उन्होंने कहा कि कोठगी में भी एक साल के अंदर नर्सिंग कॉलेज मूर्त रूप ले लेगा। धामी ने कहा, ”मैंने अधिकारियों को साफ कर दिया है कि हर परियोजना जिसका शिलान्यास किया जा रहा है, उसका उद्घाटन भी किया जाएगा।”