अल्मोड़ा: उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में आखिर कौन नहीं आना चाहता है. अगर बात हो सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की, तो यहां कसार देवी मंदिर (Kasar Devi Temple Almora) के दर्शन हर कोई करना चाहता है. यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, पर इस स्थान पर ध्यान करने से लोगों को अद्भुत शांति की अनुभूति होती है. यहां भारत के अलग-अलग राज्यों के अलावा विदेशों से भी पर्यटक ध्यान करने के लिए आते हैं. 1890 में स्वामी विवेकानंद भी यहां आए थे और उन्होंने यहां ध्यान क्रियाएं की थीं.
NASA वैज्ञानिक भी कर रहे शोध
अल्मोड़ा के कसार देवी क्षेत्र में चुंबकीय शक्तियां हैं. नासा के वैज्ञानिक भी इस पर शोध कर रहे हैं. दुनिया में तीन पर्यटक स्थल ऐसे हैं, जहां कुदरत की खूबसूरती के दर्शन तो होते ही हैं, साथ ही मानसिक शांति भी महसूस होती है. इन तीनों स्थानों पर चुंबकीय शक्ति का केंद्र भी है. इनमें से एक भारत के उत्तराखंड में अल्मोड़ा में स्थित कसार देवी है. नासा के वैज्ञानिक चुंबकीय रूप से इन तीनों जगहों के चार्ज होने के कारणों और प्रभावों पर शोध कर रहे हैं.
एक अध्ययन में पता चला है कि अल्मोड़ा स्थित कसार देवी मंदिर, दक्षिण अमेरिका के पेरू स्थित माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में यह अद्भुत समानताएं हैं. इन तीनों जगहों पर चुंबकीय शक्ति मौजूद हैं. यहां ध्यान आदि करने पर व्यक्ति को एक अलग तरह की शांति की अनुभूति होती है.
कसार देवी के पुजारी हेम चंद्र जोशी ने बताया कि कसार देवी में शुंभ-निशुंभ राक्षसों का वध करने के लिए माता ने कात्यानी रूप में अवतार लिया. मंदिर के चारों ओर चुंबकीय शक्तियां हैं. यहां लोग ध्यान करने के लिए आते हैं और मंदिर के चारों ओर बैठकर ध्यान करते हैं. स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटक काफी संख्या में यहां पहुंचते हैं.
राजस्थान से पहुंची पर्यटक सुरभि ने बताया कि वह पहली बार अल्मोड़ा आई हैं और कसार देवी में आकर उन्हें अलग तरह की शांति की अनुभूति हुई है. यहां उन्होंने ध्यान किया और उन्हें पॉजिटिव एनर्जी मिली है. उन्होंने कहा कि जो लोग भी अगर अल्मोड़ा आ रहे हैं, तो वे एक बार कसार देवी जरूर आएं.
पर्यटक महेश ने बताया कि कसार देवी में आकर आपको काफी अलग महसूस होता है. यहां आकर आपको सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. यहां आकर ऐसा लगता है जैसे आप कोई अलग ही जगह आ गए हों. यहां आकर और ध्यान करके आप अलग ही दुनिया में चले जाते हैं.