देहरादूनः रुड़की के बेलड़ा गांव में दलित युवक की मौत, दलित व महिलाओं पर पुलिस प्रशासन और दबंगों की ओर से उत्पीड़न समेत पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ ने धरना प्रदर्शन किया. इसके तहत तमाम कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता गांधी पार्क के बाहर एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला. इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत, प्रताप नगर विधायक विक्रम नेगी समेत कई नेताओं ने सरकार को घेरा.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने निशाना साधते हुए कहा कि जब से बीजेपी की सरकार उत्तराखंड में आई है, तब से दलितों पर उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं. उत्तराखंड में दलित बेटियों के साथ रेप की घटनाएं बढ़ गई हैं, लेकिन सरकार उन्हें एससी एसटी एक्ट के तहत मुआवजा नहीं दे रही है. उन्होंने बेलड़ा प्रकरण, जगदीश आर्य हत्याकांड, उत्तरकाशी जिले में चार एससी एसटी की बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाओं का जिक्र किया. साथ ही कहा कि कानूनी तौर पर एससी एसटी एक्ट के तहत उन पीड़ित बेटियों को मुआवजा मिलना चाहिए था, वो मुआवजा सरकार की तरफ से आज तक नहीं मिला.
हरीश रावत ने सरकार को घेरा
उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों पर बढ़ रही आपराधिक घटनाएं यह साबित करती हैं कि सरकार एससी एसटी के विरोध में है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दलितों पर बढ़ रहे अत्याचारों का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि दलितों पर बढ़ रहे अत्याचारों को सरकार संरक्षण दे रही है, जबकि रेप का शिकार हुई कुछ दलित वर्ग की महिलाओं को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है.
बीजेपी शासन काल में जिस तरीके से अपनी लड़ाई लड़ रहे निर्दोष लोगों पर मुकदमे किए जा रहे हैं और सत्ता के अन्याय के खिलाफ जो सामाजिक कार्यकर्ता लड़ाई लड़ रहे हैं, उन पर भय का वातावरण बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों को कुचला जा रहा है. संविधान को निष्प्रभावी बनाया जा रहा है. इसलिए आज इन सब बातों के खिलाफ दलित वर्ग से जुड़े कई लोग अपना आक्रोश व्यक्त करने एकजुट हुए हैं. यह सरकार के लिए एक खतरे की घंटी है.