दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने जज के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने और मौत की सजा की मांग करने पर नरेश शर्मा को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया है. हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कैत और जस्टिस शालिंदर कोर की बेंच ने नरेश शर्मा को छह महीने की कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री, अवमाननाकर्ता और प्रतिपक्ष की दलीलों पर विचार करने के बाद इस कोर्ट की राय है कि अवमाननाकर्ता को अपने आचरण और कार्यों के लिए कोई पश्चाताप नहीं है. दरअसल कोर्ट ने नरेश शर्मा को बिना शर्त माफी मांगने को कहा, लेकिन शर्मा ने अपने आचरण के लिए बिना शर्त माफी मांगने से इनकार कर दिया था.
6 महीने की जेल, 2000 जुर्माना
दिल्ली हाई कोर्ट ने नरेश शर्मा को अवमानना के मामले में 6 महीने की जेल की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश सुनाया था. कोर्ट ने आदेश में कहा कि जुर्माना राशि नहीं भर पाने पर 7 दिन अतिरिक्त कारावास काटना पड़ेगा.
क्या है पूरा मामला?
नरेश शर्मा ने आजादी के बाद से भारत सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए याचिका दायर कर इसकी जांच की मांग की थी. नरेश शर्मा की याचिका हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 27 जुलाई, 2023 को खारिज कर दी थी. याचिका खारिज होने पर उसने जज के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. इतना ही नहीं फैसला सुनाने वाले जज को मौत की सजा देने की मांग भी की.
दिल्ली HC ने कहा कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, अवमाननाकर्ता से अपेक्षा की जाती है कि वह न्यायालय की गरिमा और कानून की न्यायिक प्रक्रिया को बनाए रखते हुए अपनी शिकायतों को सभ्य तरीके से रखे. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि भले ही शर्मा ने नाराजगी के कारण याचिका दायर की लेकिन उन्होंने कारण बताओ नोटिस का बेहद अपमानजनक जवाब दाखिल किया था.