उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल से 41 मजदूरों को मंगलवार शाम सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. यहां देश और दुनिया के एक्सपर्ट की निगरानी में 17 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था. बुधवार को जब मशीनों समेत ऑपरेशन टीम चली गई तो यह जगह वीरान नजर आई. बचाव अभियान के दौरान बंद किए गए सुरंग के पास के रास्ते बुधवार को खोल दिए गए. हालांकि पुलिसकर्मियों की एक टीम मौके पर तैनात की गई है. सरकार ने सुरंग का सेफ्टी ऑडिट करवाए जाने के आदेश दिए हैं. यहां काम करने वाले मजदूरों को ब्रेक दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इस सुरंग का भविष्य क्या होगा?
उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवाल के अनुसार, मंगलवार शाम को होरिजेंटल ड्रिलिंग में सफलता मिलने के बाद वर्टिकल ड्रिलिंग रोक दी गई थी. केंद्र और राज्य सरकारों की कई एजेंसियों की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. एनडीआरएफ के अनुसार, 60 कर्मचारी बचाव स्थल पर डेरा डाले हुए थे. 20 स्टैंडबाय पर थे. बुधवार को इन सभी को वापस लौटने के लिए कहा गया. दोपहर में रैट-होल माइनर्स की टीम साइट पर आई. उन्होंने मीडिया से बात की और जल्द ही वापस चले गए.
बता दें कि 12 हजार करोड़ रुपए की यह महत्वाकांक्षी सिल्कयारा सुरंग परियोजना 4.5 किलोमीटर लंबी है. यह केंद्र सरकार की 900 किलोमीटर लंबी ‘चार धाम यात्रा ऑल वेदर रोड’ प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है. इस परियोजना का लक्ष्य उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है. सिलक्यारा से बरकोट के बीच राडी नामक पहाड़ में छेद करके इस सुरंग को बनाया जा रहा है. हालांकि इसके निर्माण की खामियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस संबंध में निर्माण एजेंसी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से अभी कोई बयान नहीं दिया गया है.
‘कुछ दिन बंद रहेगा काम‘
यहां एक पुलिसकर्मी ने बताया, सुरंग का निर्माण कार्य कुछ दिनों तक बंद रहेगा. सूत्रों के अनुसार, काम रोक दिया गया है. मजदूरों को दो दिनों के लिए आराम दिया गया है. नाम ना छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा, उसे दो दिन तक आराम करने के लिए कहा गया है, जिसके बाद ठेकेदार की तरफ से जानकारी दी जाएगी. एक अधिकारी ने कहा, सुरक्षा ऑडिट होने तक काम रुका रहेगा.
‘मशीनें लेकर निकल गए बचावकर्मी‘
बुधवार सुबह से ही बचाव दल के सदस्यों को अपनी मशीनें पैक करते देखा गया. ये मशीनें बचाव अभियान में मदद के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई थीं. ड्रिलिंग की मशीन लेकर जाने वाले एक ट्रक के ड्राइवर ने बताया, हम खुश हैं. हमारे भाई सुरक्षित बाहर आ गए हैं. यह काफी है. हम यह मशीन ऋषिकेश से लेकर आए थे.
‘टूटे स्ट्रक्चर की मरम्मत के बाद प्रोजेक्ट का काम जारी रहेगा‘
सड़क परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि टूटे हुए स्ट्रक्टर की मरम्मत की जाएगी. जरूरी सुरक्षा ऑडिट के बाद प्रोजेक्ट का काम जारी रहेगा. बचाव दल का हिस्सा रहे अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी. 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग परियोजना जारी रहेगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा, हम सिल्क्यारा सुरंग परियोजना की गहन समीक्षा करेंगे और हम कुछ सिस्टम में भी सुधार करेंगे. अधिकारी ने यह भी कहा, सिल्क्यारा सुरंग ढहना एक ‘हादसा’ था.
‘छह सदस्यीय कमेटी करेगी जांच‘
उन्होंने कहा, घटना के कारणों का पता करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने छह सदस्यीय विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया है. बाद में सड़क मंत्रालय फैसला करेगा कि सुरंग ढहने के कारण की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाए या नहीं. जोजिला सुरंग परियोजना प्रमुख हरपाल सिंह ने कहा, सिल्क्यारा सुरंग के ढहने के कई संभावित कारण हो सकते हैं.
‘एक्सपर्ट क्या कहते हैं…‘
उन्होंने बताया, ये खराब भूवैज्ञानिक जांच, कम डिजाइन वाली ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम, निर्माण के दौरान गलतियां, खराब डेटा निगरानी और निर्माण के दौरान लापरवाही या खराब पर्यवेक्षण कंट्रोल हो सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी हाइवे और रेल टनल की योजना मुख्य सुरंग के समानांतर एक एस्केप सुरंग के साथ बनाई जानी चाहिए.
‘सुरंग में फंसने वाले मजदूरों को एक-एक लाख दिए जाएंगे‘
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था, मजदूर नेशनल हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए काम रहे थे. एजेंसी ने मजदूरों को 15-20 दिनों के लिए घर जाने की अनुमति दी है. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सभी 41 मजदूरों को एक एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. मंदिर के मुहाने पर बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा. पहाड़ी राज्य में निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा की जाएगी. धामी ने कहा, केंद्र सरकार ने निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट कराने का फैसला किया है.
‘रैट माइनर्स को 50-50 हजार का इनाम देगी सरकार‘
धामी ने आखिरी 10-12 मीटर की खुदाई करने वाले रैट माइनर्स को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, मैन्युअल खुदाई करने वाले माइनर्स ने अहम भूमिका निभाई. मजदूरों के बाहर आने के लिए सबसे छोटे रास्ते के बारे में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से सलाह ली गई. राज्य सरकार ने कहा, जिन लोगों ने सुरंग खुदाई में काम किया है, उन्हें 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे.