देहरादून: उत्तराखंड में दूसरी बार बनी भाजपा की सरकार में यह दूसरा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट है, जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाला है. इस कार्यक्रम के लिए पिछले 1 साल से तैयारी की जा रही है. कार्यक्रम का आयोजन देहरादून फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (FRI) में किया जाएगा, जहां पर तैयारी अपने अंतिम चरण में हैं. इसी बीच कांग्रेस ने भाजपा सरकार से साल 2018 में हुई इन्वेस्टर्स समिट का हिसाब मांगा है. पार्टी का कहना है कि सरकार को पहले यह बताना चाहिए कि वर्ष 2018 में हुए समिट के बाद कितने निवेशकों ने प्रदेश में निवेश किया.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की अंतिम चरण में तैयारी
मुख्यमंत्री के सचिव और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि माइक्रो लेवल पर इस कार्यक्रम की तैयारी चल रही है. उत्तराखंड की ऐतिहासिक हेरिटेज बिल्डिंग FRI के सामने होने जा रहे. इस मेगा इवेंट में कई अलग-अलग सेक्टर तैयार किए गए हैं. जिसमें इवेंट और कई लॉज बनाए गए हैं, जहां पर बिजनेस मीटिंग्स के अलावा तमाम तरह की व्यावसायिक गतिविधियां होंगी. उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री मोदी शिरकत करेंगे.
8 और 9 दिसंबर को होगा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
विनय शंकर पांडे ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 8 और 9 दिसंबर के मेगा इवेंट से पहले तकरीबन ढाई लाख करोड़ के निवेश को धरातल पर उतार दिया जाए और उसके बाद दिसंबर में होने वाले मेगा इवेंट में इसे आधिकारिक रूप से लांच किया जाए. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पिछले कुछ महीनों से लगातार देश और विदेश में कई रोड शो भी हुए हैं.
अस्थाई मीडिया सेंटर होंगे स्थापित
सूचना अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि आठ और 9 दिसंबर को होने वाले इस मेगा इवेंट को लेकर सरकार ने कमर कस ली है. कार्यक्रम के दौरान तमाम सूचनाओं को मीडिया जगत और देश-विदेश तक पहुंचाने के लिए अलग से मीडिया लॉबी का इंतजाम किया गया है. जिसमें की पूरा अस्थाई मीडिया सेंटर स्थापित किया गया है, जहां पर हर जरूरी सूचनाओं के लिए ब्रीफिंग की जाएगी और वहीं से मीडिया वर्किंग स्टेशन काम करेगा.
कांग्रेस ने 2018 का मांगा हिसाब
उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में हुए निवेशक सम्मेलन में कितनी धनराशि खर्च हुई थी और उसके बदले में प्रदेश में कितना निवेश आया, इसकी जानकारी सरकार को देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 2018 इन्वेस्टर्स समिट में जितना खर्च हुआ था, उतना निवेश नहीं हुआ है. इसके अलावा उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि निवेश को लेकर उद्योगपति मुकेश अंबानी पर भरोसा था कि वह राज्य में निवेश करेंगे, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि मैं उत्तराखंड में जिओ के नेटवर्क का विस्तार कर रहा हूं, इसलिए राज्य में मेरा यह निवेश भी बहुत है.