देहरादून। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की देहरादून के सीमाद्वार स्थित 23वीं बटालियन में जवानों के लिए मीट, चिकन, मछली, अंडे, पनीर, दूध और फलों की खरीद में 70 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। यह घोटाला वर्ष 2017 से 2019 के बीच हुआ। आरोप है कि तत्कालीन कमांडेंट अशोक गुप्ता ने अधीनस्थ कर्मचारियों व सामान सप्लाई करने वाले व्यापारियों के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया। सीबीआइ ने कमांडेंट अशोक गुप्ता, उपनिरीक्षक सुधीर कुमार, सहायक उपनिरीक्षक अनसूया प्रसाद, मैसर्स आहूजा ट्रेडर्स राजपुर रोड के स्वामी नरेंद्र आहूजा, मैसर्स विनय कुमार ट्रेडर्स हरिद्वार रोड के स्वामी विनय कुमार और मैसर्स नवीन ट्रेडर्स कौलागढ़ के स्वामी नवीन कुमार के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
2017 से 2019 के बीच बटालियन में सामान खरीद में अनियमितताएं सामने आई थीं
आइटीबीपी 23वीं बटालियन के वर्तमान कमांडेंट पीयूष पुष्कर की ओर से सीबीआइ को दी गई शिकायत में बताया गया कि वर्ष 2017 से 2019 के बीच बटालियन में सामान खरीद में अनियमितताएं सामने आई थीं। इस मामले में आइटीबीपी के महानिरीक्षक नार्दन फ्रंटियर की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए।
जांच में सामने आया कि बटालियन के अधिकारियों ने चिकन और मछली की खरीद की, जबकि बिल मीट के पास किए। यही नहीं, अधिकारियों की ओर से मीट, मछली, चिकन, अंडे व पनीर के बिलों में कटिंग कर मात्रा को खरीदी गई मात्रा से काफी अधिक दिखाया। वर्ष 2017 से 2019 के बीच अशोक गुप्ता यहां कमांडेंट थे, जबकि उनके अधीन उपनिरीक्षक सुधीर कुमार व सहायक उपनिरीक्षक अनसूया प्रसाद तैनात थे। इन तीनों की देखरेख में ही सामान की खरीद की गई थी। कोर्ट आफ इंक्वायरी में यह भी सामने आया कि मेस मेन्यू में जवानों को सप्ताह में तीन दिन मीट, चिकन, मछली, पनीर व दूध दिया जाता है। इनकी खरीद थोक मूल्य पर छह माह के लिए बुक की जानी थी, लेकिन यह खरीद दैनिक आधार पर की गई।
96 किलो मछली मंगाई, बिल में कर दिया 126 किलो
विभागीय जांच रिपोर्ट के अनुसार, आठ जनवरी-2018 को 96 किलो मछली मंगाई गई थी, जबकि इसकी जगह 126 किलो खरीद दिखाई गई। 26 जनवरी-2018 को 97 किलो चिकन की जगह 127 किलो चिकन की खरीद दिखाई गई। एक अप्रैल-2019 को 35 किलो मछली की जगह 135 किलो, 14 अगस्त-2019 को 126 किलो मीट की जगह 186 किलो और 14 अक्टूबर को 91 किलो मछली की जगह 159 किलो खरीद दिखाई गई है।
वर्तमान में पटना में तैनात हैं आरोपित कमांडेंट
घोटाले के मुख्य आरोपित कमांडेंट अशोक कुमार वर्तमान में आइटीबीपी के क्षेत्रीय मुख्यालय पटना (बिहार) में तैनात हैं। आरोपित उपनिरीक्षक सुधीर कुमार आइटीबीपी की 33वीं बटालियन में तैनात हैं, जबकि सहायक उपनिरीक्षक अनसूया प्रसाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके अलावा आरोपितों में तीन व्यापारी भी शामिल हैं, जो देहरादून के निवासी हैं।
हीटिंग तेल व राशन खरीद में पहले से दर्ज है मुकदमा
कमांडेंट अशोक गुप्ता, उपनिरीक्षक सुधीर कुमार सहित पांच कार्मिकों के विरुद्ध भारत-चीन सीमा पर सामान की आपूर्ति में भ्रष्टाचार का एक मुकदमा सीबीआइ में पहले से दर्ज है। जुलाई-2022 में दर्ज इस मुकदमे में सीबीआइ आरोप-पत्र दाखिल कर चुकी है।
आरोप है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत के प्रथम गांव माणा के पास भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की सीमा चौकियों पर तैनात जवानों के लिए कुल 9,784 लीटर हीटिंग तेल (आग तापने के लिए) के एक टैंकर के रिकार्ड में हेराफेरी की गई। वहीं आइटीबीपी की सीमाद्वार स्थित कैंटीन के जवानों के लिए भेजे जाने वाले राशन के सामान में भी हेराफेरी का आरोप है।