मुंबई: अयोध्या में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पीएम मोदी बीते कुछ दिनो से लगातार मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं. अपने दो दिवसीय दक्षिण भारत के दौरे के तहत पीएम मोदी आज धनुषकोडी के पास अरिचल मुनाई में पहुंचे. अरिचल मुनाई के बारे में कहा जाता है कि है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था.
इसके बाद पीएम मोदी धनुषकोडी पहुंचे, जहां भगवान राम ने रावण को हराने की शपथ ली थी. यहीं से पवित्र मिट्टी लेकर वह लंका के लिए आगे बढ़े थे. इन यात्राओं का काफी महत्व है क्योंकि पीएम कल राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या जा रहे हैं.
#WATCH | Tamil Nadu: Prime Minister Narendra Modi visits Arichal Munai point in Dhanushkodi, which is said to be the place from where the Ram Setu was built. pic.twitter.com/GGFRwdhwSH
— ANI (@ANI) January 21, 2024
धनुषकोडी मंदिर का महत्व
यह मंदिर श्री कोठंडाराम स्वामी को समर्पित है. कोठंडाराम नाम का अर्थ धनुषधारी राम है. यह धनुषकोडी नामक स्थान पर स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर विभीषण पहली बार श्री राम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी. इसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि यही वह स्थान है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था.
शनिवार को पीएम मोदी श्रीरंगम और रामेश्वरम में क्रमशः श्री रंगनाथस्वामी और अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिरों का दौरा किया था. रामायण से जुड़े तमिलनाडु के मंदिरों का उनका दौरा सोमवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले हो रहा है.
रामकथा में क्या है अरिचल मुनाई और श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर का महत्व
रामकथा के मुताबिक, युद्ध शुरू होने से पहले रावण के भाई विभीषण ने रावण को समझाने की कोशिश की थी. विभीषण का कहना था कि रावण सीताजी को वापस लौटा दे और क्षमा मांग ले. विभीषण की इस बात को रावण ने राजद्रोह माना और उसे लात मारकर लंका से निकाल दिया.
इसके बाद विभीषण लंका से निकलकर सागर पार श्रीराम के शरण में पहुंचे थे, जहां उनकी भेंट पहली बार श्रीराम से हुई. श्रीराम का सागर किनारे जहां शिविर था, उसी के नजदीक एक स्थान से रामसेतु बनना शुरू हुआ था. यही स्थान आज अरिचल मुनाई पॉइंट कहलाता है. यह तमिलनाडु के धनुषकोडि जिले में है, वहीं जिस स्थान पर विभीषण श्रीराम से पहली बार मिलने आए और उनका राज्याभिषेक हुआ, आज वहां श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर बना हुआ है.