अयोध्या : 500 वर्षों का आखिरकार इंतजार खत्म हो गया है। अयोध्या में बने राम मंदिर में रामलला विराजमान हो गए हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत दुनियाभर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। इस दौरान अयोध्या की सड़कें ‘जय श्री राम’ के नारे से गूंज रही हैं। इस कार्यक्रम के दौरान आसमान से पुष्पों की वर्षा भी की गई है। हेलीकॉप्टर से मंदिर परिसर और वहां पहुंचे लोगों के ऊपर पुष्प वर्षा की गई है। इस कार्यक्रम को बड़ी संख्या में दुनियाभर के लोग देख रहे हैं।
#WATCH | Choppers shower flower petals over Shri Ram Janmaboomi Temple premises in Ayodhya as the idol of Ram Lalla is unveiled in the presence of Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/obp7dxyV6r
— ANI (@ANI) January 22, 2024
नागर शेैली में हुआ मंदिर का निर्माण
भव्य राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण प्रदर्शित हैं। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप। मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है।
अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य ने किया
इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक सम्प्रदायों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बता दें शास्त्रानुसार दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य ने किया।