देहरादून। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को एक बार फिर बड़ी वित्तीय सहायता दी है। 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुसार केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 1558.44 करोड़ की राशि दी है। इस सहायता से प्रदेश में धन की कमी से विकास कार्यों की गति सुस्त नहीं पड़ेगी। विशेष रूप से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद भी विकास कार्यों को जारी रखा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस धनराशि से विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 को समाप्त होने में अब मात्र एक महीना शेष है। कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में विकास कार्यों पर आचार संहिता का प्रभाव नहीं पड़ने देने के लिए निर्माण कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति और उसे अवमुक्त करना आवश्यक है। अब इस कार्य के लिए धन के संकट से जूझना नहीं पड़ेगा।
केंद्र से मिल रही है वित्तीय सहायता
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी की बड़ी धनराशि प्रदेश को जारी की है। इससे पहले एक माह के भीतर केंद्र से वित्तीय सहायता मिल चुकी है। गत दिन केंद्र सरकार ने पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के लिए 372.62 करोड़ की दूसरी किस्त जारी की थी।
31 मार्च, 2024 तक करना है बजट का उपयोग
यही नहीं, केंद्र सरकार ने अतिरिक्त वित्तीय सहायता के रूप में 720 करोड़ की राशि स्वीकृत करते हुए प्रदेश सरकार से निर्माण योजनाओं के प्रस्ताव मांगे हैं। इसमें से 125 करोड़ की राशि शहरी निकायों और 36 करोड़ रुपये शहरी नियोजन में किए जा रहे सुधारों के लिए है। इस राशि का उपयोग राज्य को 31 मार्च, 2024 तक करना है।
सीएम धामी ने जताया ता आभार
प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले आदेश जारी कर विभागों को बजट का अधिकाधिक उपयोग करने और आचार संहिता लागू होने से पहले निर्माण कार्यों के कार्यादेश जारी करने के निर्देश दिए थे। केंद्र से मिल रही इस सहायता पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रसन्नता जाहिर की। साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।