लोकसभा इलेक्शन में पहली बार लागू होगी ‘चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली’, कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग

खबर उत्तराखंड

देहरादूनः उत्तराखंड में चुनाव के दौरान अवैध रूप से नकदी, शराब, ड्रग्स और दूसरी अवैध सामग्री के इस्तेमाल को रोकने के लिए चुनाव आयोग सक्रिय रहता है. इस दौरान चुनाव आयोग द्वारा ऐसी अवैध सामग्री को जब्त भी किया जाता है. आयोग की इसी प्रक्रिया को आसान करने के लिए पहली बार भारत निर्वाचन आयोग देशभर में चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली को लागू करने जा रहा है. इसके तहत उत्तराखंड में भी पहली बार इस व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू किया गया है. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग कर्मचारियों को मौके पर ही अवैध सामग्री के जब्ती से जुड़ी इस प्रणाली को इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दे रहा है.

इससे पहले हाल ही में हुए पांच विधानसभा के उपचुनाव में चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली को पायलट प्रोग्राम के रूप में लागू किया गया था. इस दौरान इसके बेहतर रूप से परिणामों को देखते हुए अब लोकसभा चुनाव में पूरे देश में इसे लागू किया जा रहा है. उत्तराखंड में इस प्रणाली को पहली बार लागू किया जा रहा है. लिहाजा, कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर इसके बारे में जानकारी दी जा रही है. साथ ही इस प्रणाली से जुड़े सॉफ्टवेयर के बारे में भी कर्मचारी समझ रहे हैं.

चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली के तहत मौके पर ही अवैध सामग्री को सीज करने की औपचारिकताओं को पूरा किया जा सकेगा. इससे पहले किसी भी अवैध सामग्री को जब्त करने के लिए करीब के थाने या चौकी में जाकर औपचारिकताओं को पूरा करना होता था. लेकिन इसकी आवश्यकता अब नहीं होगी और ऑनलाइन अवैध सामग्री को सीज किया जा सकेगा.

माना जा रहा है कि चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली के लागू होने से एक तरफ जहां चुनाव ड्यूटी में लगे हुए कर्मचारियों को अवैध सामान पकड़े जाने पर कठिन प्रक्रिया से छुटकारा मिल सकेगा तो वहीं दूसरी तरफ इस प्रक्रिया को और भी पारदर्शी किया जा सकेगा. इसके चलते अवैध सामग्री मौके पर ही सीज कर दी जाएगी और किसी भी तरह की धांधली या गड़बड़ी की संभावनाएं खत्म हो जाएगी. इसके अलावा इसका पूरा डाटा ऑनलाइन मौजूद रहेगा और इस पूरी व्यवस्था को चलाने के लिए बाकायदा एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जिसको कर्मचारी प्रशिक्षण के जरिए जान रहे हैं. इस सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन सामग्री का डाटा रखा जा सकेगा और आपसी कोऑर्डिनेशन भी इसके जरिए किया जा सकेगा.

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