JDU के दरवाजे पर छोड़ गया कोई 10 करोड़, सपा को डाक से मिले बॉन्ड, DMK के 77% बॉन्ड एक ही कंपनी से… इलेक्टोरल बॉन्ड पर अजब-गजब दावे

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने रविवार को इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर नई जानकारी सार्वजनिक की है. डेटा में बताया गया कि किस पार्टी ने किस कंपनी या व्यक्ति से कितना पैसा भुनाया है. हालांकि, अधिकांश पार्टियों ने चंदा देने वालों के नाम नहीं बताए हैं. कुछ दलों ने अजब-गजब दावे भी किए हैं. मसलन, जदयू का कहना है कि उसे दफ्तर में एक ऐसा लिफाफा मिला, जिसमें 10 करोड़ रुपए के बॉन्ड थे. यही बात सपा ने भी कही. सपा का कहना है कि उसे डाक के जरिए 10 करोड़ के बॉन्ड मिले. लेकिन किसने भेजे, यह पता नहीं है. डीएमके को कुल चंदे के 77% बॉन्ड एक ही कंपनी से मिले हैं.

राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को जो डेटा दिया है, वो 2018 में योजना शुरू होने से नवंबर 2023 तक का शामिल है. आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी को बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा 6,986.5 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई. उसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को 1,397 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 1,334 करोड़ रुपये और भारत राष्ट्र समिति को 1,322 करोड़ रुपये मिले हैं.

सपा को डाक के जरिए मिले 10 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड

समाजवादी पार्टी ने कहा कि उसे बिना नाम के डाक से एक-एक करोड़ रुपये के 10 चुनावी बॉन्ड मिले हैं. ये सभी 10 चुनावी बॉन्ड एक ही तारीख (7 मई, 2019) को जारी किए गए हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दरम्यान सपा ने 10.84 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए. चुनाव आयोग के अनुसार, सपा को अज्ञात दानदाताओं से पोस्ट के जरिए 10 करोड़ रुपये (कुल राशि का 92 प्रतिशत) के बॉन्ड हासिल हुए हैं.

सपा को किस-किसने दिया चंदा?

चुनाव आयोग को दिए विवरण में सपा ने कहा, उसे एसके ट्रेडर्स, गुड़गांव से एक-एक लाख रुपये के 7 चुनावी बॉन्ड हासिल हुए. इसी तरह, सैन बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड से 10-10 लाख रुपये के 3 बॉन्ड, एसके ट्रेडिंग कंपनी, दिल्ली से एक लाख रुपये का एक बॉन्ड, एके ट्रेडर्स, दिल्ली से 10 लाख रुपये का एक बॉन्ड, केएस ट्रेडर्स, मोहननगर से 10 लाख रुपये का एक बॉन्ड, बीएस ट्रेडर्स, जयपुर से एक-एक लाख रुपये के 7 बॉन्ड, एएस ट्रेडर्स, दिल्ली से एक लाख रुपये के 5 बॉन्ड, बीजी ट्रेडर्स, फरीदाबाद से एक-एक लाख रुपये के 5 बॉन्ड मिले हैं.

पता नहीं कौन दे गया 10 करोड़ का चुनावी चंदा?

बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में भी दिलचस्प कहानी सामने आई है. जदयू का कहना है कि किसी अनजान शख्स ने पार्टी को 10 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड दिया है. जेडीयू के तत्कालीन प्रदेश महासचिव नवीन आर्य के मुताबिक, 3 अप्रैल 2019 को किसी अनजान शख्स ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आकर एक सीलबंद लिफाफा दिया था. इस लिफाफे को खोला गया तो उसमें एक-एक करोड़ रुपए के 10 इलेक्टोरल बॉन्ड पाए गए. जिसके बाद जेडीयू ने पटना के एसबीआई मेन ब्रांच में एक खाता खोलकर इन सभी इलेक्टोरल बॉन्ड को कैश करा लिया. पार्टी ने यह भी बताया कि सीमेंट निर्माता कंपनी श्री सीमेंट से एक-एक करोड़ रुपए के दो बॉन्ड मिले हैं. भारती एयरटेल ने भी जेडीयू को एक करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड दिया था.

जदयू को 24 करोड़ रुपये से ज्यादा के चुनावी बॉन्ड मिले

एक अन्य फाइलिंग में जेडीयू ने चुनावी बॉन्ड के जरिए कुल 24.4 करोड़ रुपये के चंदे के बारे में जानकारी दी. पार्टी के मुताबिक उसे प्राप्त इलेक्टोरल बॉन्ड में से कई हैदराबाद और कोलकाता में स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं से जारी किए गए थे और कुछ पटना स्थित एसबीआई ब्रांच से भी जारी किए गए थे.

DMK को फ्यूचर गेमिंग कंपनी ने दिए 509 करोड़ 

तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 665.5 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. जबकि इस चंदा का 77 फीसद हिस्सा 509 करोड़ रुपये लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के फ्यूचर गेमिंग की ओर से मिला है. चुनाव आयोग के मुताबिक, फ्यूचर गेमिंग ने सबसे ज्यादा 1368 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं, जिसमें से 37 प्रतिशत डीएमके ने भुनाए हैं. इसके अलावा डीएमके को मेघा इंजीनियर ने 105 करोड़ रुपये, इंडिया सीमेंट्स ने 14 करोड़ रुपये और सन टीवी ने 100 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा दिया है. डीएमके को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा देने वालों में मेघा इंजीनियर, इंडिया सीमेंट्स और सन टीवी जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

सबसे ज्यादा BJP को मिला चंदा

चुनाव आयोग के मुताबिक, अप्रैल 2018 से 2023 तक देशभर से बीजेपी को 6986.5 करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा चंदा मिला है. आठ बार ऐसे मौके आए, जब बीजेपी को एक दिन में एक अरब रुपये या इससे भी ज्यादा के इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए चंदा मिला है. दूसरे नंबर पर टीएमसी, तीसरे पर कांग्रेस और चौथे पर बीआरएस को चंदा मिला है.

JDS को कुल 89.75 करोड़ मिले, इसमें 50 करोड़ सिर्फ मेघा इंजीनियरिंग ने दिए
ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेडी को 944.5 करोड़ रुपये का चंदा मिला. उसके बाद डीएमके को 656.5 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड मिले. आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने करीब 442.8 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए. जेडीएस को 89.75 करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले. जेडीएस को चुनावी बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार कंपनी मेघा इंजीनियरिंग से 50 करोड़ रुपये मिले हैं.

नए डेटा में बॉन्ड जारी करने की तारीख, फंड के मूल्य वर्ग, बॉन्ड की संख्या और जारी करने वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ब्रांच के बारे में जानकारी है. इसमें पार्टियों के बैंक खातों में रसीद और क्रेडिट की तारीखें भी शामिल हैं.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर चली लंबी सुनवाई के दौरान सभी राजनीतिक दलों को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में एसबीआई से जानकारी भी मांगी थी और पूरा डेटा चुनाव आयोग को सौंपे जाने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि ये डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया जाए.

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