पुलिस को हुई गलतफहमी ! 1 महीने पहले कब्रिस्तान में दफनाई गई जोया निकली जया, बेटे ने शव निकलवाकर किया अंतिम संस्कार

खबर उत्तराखंड

इंदौर: कब्रिस्तान में दफनाए गए एक शव का एक महीने बाद श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। इस पूरे प्रकरण में पुलिस की गंभीर लापरवाही भी उजागार हुई है। ये पूरा मामला आपको हैरान कर देगा। संयोगितागंज पुलिस ने एक माह पहले जोया नामक जिस महिला का शव लावारिस समझकर चंदन नगर के कब्रिस्तान में दफना दिया था, वह जया सर्राफ निकली। सूचना मिलने पर बेटा तलाश करते हुए अस्पताल पहुंचा, यहां फोटो देख मां को पहचाना। फिर कब्रिस्तान से शव निकलवाकर सिरपुर मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया।

कैसे हुई गफलत?

दरअसल, मामला संयोगितागंज थाना क्षेत्र के एमवायच अस्पताल का है। यहां देवास जिला अस्पाल से रेफर की गई 70 वर्षीय बीमार महिला जोया को भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला के उज्जैन में रहने की जानकारी के बाद पुलिस ने पड़ताल की लेकिन शव को लेने कोई नहीं आया। जोया नाम लिखा होने से शव को अस्पताल द्वारा एक निजी संस्थान के साथ मिलकर कब्रिस्तान में दफना दिया गया। लेकिन घटना के एक महीने बाद बेटे को पता चला कि उपचार के दौरान उनकी मां की मौत अस्पताल में हुई थी। तो वह तत्काल लंबाई चौकी पहुंचे जहां पर हेड कांस्टेबल जगन्नाथ पुरी ने लावारिस शव के फोटो दिखाएं। जोया नाम की महिला के फोटो को देखते ही बच्चे पहचान गए। इसके बाद परिजनों ने शव को कब्रिस्तान से बाहर निकलवाकर सिरपुर  पर अंतिम संस्कार किया।

पारिवारिक कलह के चलते बेटी के घर रहती थी महिला

बच्चों और बेटों में आए दिन किसी न किसी को बात को लेकर कलह होती रहती थी इसी के चलते जया सर्राफ अपनी बेटी के घर उज्जैन रहने चली गई थी। पारिवारिक विवाद होने के चलते काफी दिनों से बच्चों ने मां से बात नहीं की थी इसलिए एक महीने तक मृत महिला जया की गुमशुदा होने की बच्चों को जानकारी नहीं लगी। सवाल यह है कि जब वृद्ध महिला उज्जैन रह रही थी तो वह देवास के अस्पताल कैसे पहुंची इसको लेकर अब पुलिस बेटी से पूछताछ कर पूरे मामले की जांच में जुटी है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *