देहरादूनः उत्तराखंड की नैनीताल-उधमसिंह नगर और हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस हाईकमान के लिए प्रत्याशी घोषित करना कशमकश की स्थिति बनती जा रही है. वोटिंग के लिए एक माह का भी समय नहीं बचा है. लेकिन अभी तक हाईकमान दोनों सीटों पर प्रत्याशी का चयन नहीं कर पाया है. दूसरी तरफ हरीश रावत पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे. कहा जा रहा है कि हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए हरिद्वार सीट से टिकट की पैरवी कर रहे हैं. हालांकि, शनिवार को उन्होंने उत्तराखंड पहुंचकर प्रचार-प्रसार किया. इससे माना जा रहा है कि हाईकमान के आगे हरीश रावत की पैरवी ने उनके पक्ष में फैसला दिया है.
हरीश रावत आज बेटे वीरेंद्र रावत के साथ दिल्ली से लौटते हुए सबसे पहले रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल पहुंचे, जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए माल्यार्पण किया. इसके बाद उन्होंने रुड़की स्थित नारसन बॉर्डर से हरिद्वार होते हुए देहरादून तक जगह-जगह कार्यकर्ताओं से भेंट की. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मालाएं पहनाकर हरीश रावत और वीरेंद्र रावत का भव्य स्वागत किया. उनका ये पूरा कार्यक्रम शुक्रवार देर रात उनके कार्यालय के जारी किया गया था. ऐसे में उनका ये कार्यक्रम चुनावी अभियान के आगाज के रूप में देखा जा रहा है.
दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने साफ कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते हरीश रावत पूरे उत्तराखंड में कार्यक्रम करने के लिए स्वतंत्र हैं. कांग्रेस अच्छे परिणाम के लिए ही चुनाव लड़ रही है. हरीश रावत का पार्टी में अपना कद है. इसलिए उन्होंने नारसन बॉर्डर से प्रचार की शुरुआत की है. भाजपा के कुशासन से लोग परेशान हैं. भाजपा की जन विरोधी नीतियों की वजह से हरिद्वार के निवासी त्राहिमाम कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस बार कांग्रेस को अच्छी बढ़त मिलेगी.