उत्तरकाशी: उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां शॉटक्रीट मशीन पलटने से होली वाले दिन सोमवार 25 मार्च को बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस हादसे के बाद काम रोक दिया गया था. इस हादसे के बाद से मजदूर काफी डरे हुए है. बताया जा रहा है कि मशीन सुरंग के पास ही काम कर रही थी, तभी मशीन अचानक पलट गई. मशीन की चपेट में आने से हेल्पर गोविंद कुमार की मौत हो गई. 24 साल का गोविंद कुमार उत्तराखंड के ही पिथौरागढ़ जिले का रहने वाला था. इस मामले में चौकी प्रभारी जीएस तोमर ने बताया कि ये हादसे कैसा हुआ इसकी जांच की जा रही है. फिलहाल शव परिजनों को सौंप दिया गया हैं. बता दें कि पिछले साल 2023 में दीपावली के दिन 12 नवंबर सुबह को सिलक्यारा टनल में मुहाने से थोड़ा अंदर बड़ा भूस्खलन हो गया था. भूस्खलन के कारण सिलक्यारा टनल के दूसरे छोर पर काम कर रहे करीब 41 मजदूर फंसे गए थे. करीब 17 दिन लंबे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया था. इस हादसे के करीब दो महीने बाद सिलक्यारा टनल में फिर से काम शुरू किया गया था. जानकारी के मुताबिक फिलहाल सिलक्यारा टनल से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है. निर्माणदायी संस्था ने सिलक्यारा टनल में पड़े मलबे को हटाने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी से तकनीकी मदद मांगी है, जिसके लिए उन्हें करीब 20 करोड रुपए खर्च करने होंगे. इसके लिए बाकायदा अब डीपीआर तैयार की गई है. बताया जा रहा है कि टनल से मलवा हटाने का काम अप्रैल की एक या दो तारीख से शुरू हो जाएगा.

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उत्तरकाशी: उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां शॉटक्रीट मशीन पलटने से होली वाले दिन सोमवार 25 मार्च को बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस हादसे के बाद काम रोक दिया गया था. इस हादसे के बाद से मजदूर काफी डरे हुए है.

बताया जा रहा है कि मशीन सुरंग के पास ही काम कर रही थी, तभी मशीन अचानक पलट गई. मशीन की चपेट में आने से हेल्पर गोविंद कुमार की मौत हो गई. 24 साल का गोविंद कुमार उत्तराखंड के ही पिथौरागढ़ जिले का रहने वाला था. इस मामले में चौकी प्रभारी जीएस तोमर ने बताया कि ये हादसे कैसा हुआ इसकी जांच की जा रही है. फिलहाल शव परिजनों को सौंप दिया गया हैं.

बता दें कि पिछले साल 2023 में दीपावली के दिन 12 नवंबर सुबह को सिलक्यारा टनल में मुहाने से थोड़ा अंदर बड़ा भूस्खलन हो गया था. भूस्खलन के कारण सिलक्यारा टनल के दूसरे छोर पर काम कर रहे करीब 41 मजदूर फंसे गए थे. करीब 17 दिन लंबे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया था. इस हादसे के करीब दो महीने बाद सिलक्यारा टनल में फिर से काम शुरू किया गया था.

जानकारी के मुताबिक फिलहाल सिलक्यारा टनल से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है. निर्माणदायी संस्था ने सिलक्यारा टनल में पड़े मलबे को हटाने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी से तकनीकी मदद मांगी है, जिसके लिए उन्हें करीब 20 करोड रुपए खर्च करने होंगे. इसके लिए बाकायदा अब डीपीआर तैयार की गई है. बताया जा रहा है कि टनल से मलवा हटाने का काम अप्रैल की एक या दो तारीख से शुरू हो जाएगा.

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