देहरादून: कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पुराने साथियों पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर से भड़ास निकाली है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर बिना नाम लिए अपने पुराने सहयोगियों को खरी-खरी सुनाई। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा कि बिन कहे रहा न जाए, मीडिया कुरेद-कुरेद कर पूछ रहा है कि आपके कई करीबी हैं जिनको सारी नियामतें उनके गले में हार बनाकर डाल दी, वह भी क्यों साथ छोड़ रहे हैं?
बिन कहे रहा न जाए, मीडिया कुरेद-कुरेद कर पूछ रहा है कि आपके कई करीबी हैं जिनको सारी नियामतें उनके गले में हार बनाकर डाल दी, वह भी क्यों साथ छोड़ रहे हैं..https://t.co/kHyNGjrMB7..यहां से कुछ ज्यादा उनको मिले और जहां गये हैं वहां वफादार रहें।#uttarakhand #Congress pic.twitter.com/sRxb5Kohdf
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) April 4, 2024
हरीश रावत ने बताया नेताओं के पार्टी छोड़ने का कारण
हरीश रावत ने लिखा कि सवालों के जवाब पर मैंने कहा हर किसी के नाराजगी के कुछ न कुछ कारण होते हैं। कुछ लोग इसलिए नाराज हैं, वह मेरे कार्यकाल में एक एसडीएम को एडीएम बनाने की सुपारी ले चुके थे। एक पूजनीय इसलिए नाराज हैं, स्वर्गाश्रम ऋषिकेश की कुछ संपत्तियों को मैंने उनके संगठन के नाम पर करने से इनकार कर दिया, एकाध-दो सज्जन ऐसे भी हैं कि उनको देते-देते अंत में जब मेरे पास भी देने के लिए कुछ नहीं रह गया तो वह बड़े दाताओं के पास पहुंच गए हैं। देखते हैं वहां क्या मिलता है? हमारी शुभकामनाएं हैं यहां से कुछ ज्यादा उनको मिले और जहां गए हैं वहां वफादार रहें।
यूजर्स ने दी हरीश रावत को सलाह
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की इस पोस्ट के बाद इंटरनेट मीडिया पर यूजर्स खूब कमेंट्स कर रहे हैं। कुछ तो हरीश रावत को ही चिंतन की सलाह दे रहे हैं।