कीड़े सूंघकर बता देंगे, कैंसर है या नहीं ? इसी महीने शुरू होगी टेस्ट से स्क्रीनिंग…

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न्यूज़ डेस्क : कैसर एक गंभीर है. इसकी स्टेज पर व्यक्ति का जीवन निर्भर करता है. यदि प्राइमरी स्टेज में कैंसर हो जाए तो इसका इलाज मुमकिन है. जैसे जैसे ही स्टेज बढ़ती जाती है. जीवन की सांसें छोटी होने लगती हैं. कैंसर की पहचान उसकी जांच से होेती है. अमूमन डॉक्टर बायोप्सी कराकर कैंसर होने या न होने की पुष्टि करते हैं. लेकिन आज हम आपको ऐसे अनोखे टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं.

पैंक्रियाटिक कैंसर को कीड़े सूंघाकर बता देंगे

मीडिया रिपोर्ट के अुनसार, जापान में इस अनोखे टेस्ट को विकसित किया गया है. साइंटिस्ट ने पैंक्रियाटिक कैंसर की जांच के लिए यह स्क्रीनिंग टेस्ट बनाया हैं. इस जांच में बेहद छोटे कीड़ों का प्रयोग किया जाएगा. कीड़े सूंघकर ट्यूमर की पहचान भी कर लेंगे. शोधकर्ताओं का दावा है कि यह टेस्ट 100 प्रतिशत सही होगा. इसी महीने से इस टेस्ट से स्क्रीनिंग शुरू कर दी जाएगी.

कीड़े कैसे जांचेंगे, कैंसर है या नहीं?

जिस व्यक्ति की पैंनक्रियाटिक कैंसर की जांच करानी होगी. उसका यूरिन सैंपल लैब भेज दिया जाएगा. लैब में विशेष कीड़ों से भरी एक प्लेट होगी. इन विशेष कीड़ों को Nematodes कहा जाता है. इनक लंबाई लगभग एक मिलीमीटर होती है. यूरिन को कीड़ों से भरी एक प्लेट में डाला जाएगा. शोधकर्ताओं का दावा है कि इन कीड़ों की सूंघने की शक्ति बेहद अधिक होती है. इसकी मदद से ये अपना भोजन ढूंढते हैं. साइंटिस्ट ने कीड़ों को जेनेटिकली मॉडीफाई किया है. इससे ये कीड़े पैनक्रियाटिक सेल्स की पहचान कर सकेंगे.

N-NOSE टेस्ट से भी हो सकती हैं कैंसर की जांच

टोक्यो के Hirotsu Bio ने N-NOSE टेस्ट जनवरी 2020 में बाजार में सामने आया. इससे दावा किया गया कि टेस्ट से उन लोगों की जानकारी हो सकती है, जिन्हें कैंसर होने की संभावना अधिक है. इसके लिए लगभग सवा लाख लोगों की जांच की गई. उनमें से 5 से 6 प्रतिशत लोग अधिक जोखिम वाले मिले. कंपनी का कहना है कि जल्द ही दूसरे कैंसर के लिए भी ऐसे ही टेस्ट लाए जाएंगे.

क्या है पैंक्रियाटिक कैंसर?

पैंक्रियाटिक कैंसर पेट के निचले हिस्से अग्नाश्य में होने वाला कैंसर है. यह कैंसर बेहद खतरनाक माना जाता है. करीब 95 प्रतिशत लोग इस कैंसर की चपेट में आने पर जान गंवा बैठते हैं. कैंसर की शुरुआत में वज़न कम होना, पेट दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं. उम्र बढ़ने के साथ इस कैंसर के होने की संभावना अधिक हो जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को नियमित तौर पर बॉडी की जांच कराते रहना चाहिए.

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