रायबरेली: राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन का पर्चा दाखिल किया जिसके बाद विपक्ष हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि वो अमेठी से डरकर भाग गए और रायबरेली को चुनाव लड़ने के लिए चुना है। ये बात तो है विपक्ष की लेकिन कभी प्रियंका गांधी के करीबी रहे आचार्च प्रमोद कृष्णम ने भी राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले पर एक धमाकेदार बात कही है। उन्होंने कहा कि अमेठी में हार के डर से राहुल गांधी ने रायबरेली से लड़ने का फैसला किया लेकिन हकीकत ये है कि रायबरेली में भी राहुल गांधी हारेंगे।
राहुल गांधी को रायबरेली की जगह रावलपिंडी से चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि उनकी लोकप्रियता और डिमांड पाकिस्तान में बढ़ी है। – आचार्य प्रमोद कृष्णम pic.twitter.com/CtONZPJBGw
— Aman Chopra (@AmanChopra_) May 4, 2024
दो खेमों में बंट जाएगी कांग्रेस
प्रमोद कृष्णम का दावा है कि जिस तरह प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जिस तरह प्रियंका को अमेठी, रायबरेली या सुल्तानपुर से टिकट नहीं दिया गया, उससे कांग्रेस के भीतर एक धड़े में बहुत नाराज़गी है। प्रमोद कृष्णम का दावा है कि राहुल गांधी के कहने पर प्रियंका गांधी के कांग्रेस की सियासत में आगे बढ़ने से रोका जा रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस के लिए चुनाव नतीजे बुरे आते हैं तो 4 जून के बाद पार्टी के भीतर दो गुट बन जाएंगे। राहुल और प्रियंका गांधी खेमे के नेता अलग-अलग हो जाएंगे।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के दिल में धधक रही ज्वालामुखी
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राहुल गांधी की ये पलायनवादी नीति है कि उन्होंने अमेठी को छोड़ा है। देश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। प्रियंका गांधी का चुनाव न लड़ना कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के दिल में ज्वालामुखी धधक रहा है…4 जून के बाद फटेगा। देश की आजादी के बाद कांग्रेस का एक और विभाजन सुनिश्चित है। कांग्रेस दो धाराओं में बंट जाएगी एक धारा राहुल गांधी का होगा एक धारा प्रियंका गांधी का।