बदायूं : लोकसभा चुनाव का साल चल रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए दो चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है। 7 मई को तीसरे चरण के लिए मतदान किया जाएगा। 5 मई की शाम के बाद से चुनाव प्रचार थम जाएगा। लोकसभा चुनाव के आते ही तमाम तरह की खबरे, बयानबाजियां, सुर्खियां हमें दिखने लगते हैं। सट्टाबाजार भी लोकसभा चनावों के समय गर्म होता है। लोग अलग-अलग राजनीतिक दलों की जीत और हार के लिए शर्त तक लगा देते हैं। कुछ ऐसा ही बदायूं में देखने को मिला है। यहां दो अधिवक्ताओं के बीच राजनीतिक जंग छिड़ गई है। दोनों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत और हार पर दो-दो लाख की शर्त लगा दी है। बता दें कि दोनों वकील बदायूं की कचहरी में वकालत करते हैं।
सपा या भाजपा, जीत पर लगी शर्त
दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने बदायूं की लोकसभा सीट से दुर्विजय सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को यहां से उम्मीदवार बनाया है। दरअसल उझानी कोतवाली क्षेत्र के उझानी कस्बे के गौतमपुर मोहल्ले के रहने वाले दिवाकर वर्मा अधिवक्ता हैं और कचहरी में वकालत करते हैं। वह भाजपा समर्थक हैं। वहीं उझानी कोतवाली क्षेत्र के बरामालदेव गांव के रहने वाले सत्येंद्र पाल भी कचहरी में वकालत करते हैं जो समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं। दोनों अधिवक्ताओं ने अपने-अपने प्रत्याशी की जीत पर दो-दो लाख की शर्त लगा दी है।
वकीलों ने 2-2 लाख की लगाई शर्त
इतना ही नहीं दोनों ने लिखित में 10 रुपये के स्टांप पेपर पर अनुबंध भी कराया है। अनुबंध में लिखा गया है कि जिस समर्थक का प्रत्याशी जीतता है तो जीतने वाले पक्ष को हारने वाला पक्ष दो लाख रुपये देगा। बता दें कि इस स्टांप का गवाह दो वकीलों को ही बनाया गया है। बता दें कि जब दोनों अधिवक्ताओं के बीच 2-2 लाख की शर्त लगी तो कचहरी में दोनों को देखने के लिए भीड़ जमा हो गई। अब दोनों ही वकीलों को चुनाव खत्म होने और 4 जून को परिणाम आने का इंतजार है। अधिवक्ता दिवाकर वर्मा ने इस बाबत कहा कि दिर्विजय सिंह शाक्य जीतेंगे। उन्होंने कहा कि ये शर्त बहुत ही अच्छे माहौल में लगाई है। वहीं वकील सत्येंद्र वर्मा आदित्य यादव की जीत का दावा कर रहे हैं।