न्यूज़ डेस्क: Smartphones के फायदे और नुकसान को लेकर बहस कभी खत्म नहीं होती। गैजेट ने एक तरफ दूर रहने वाले लोगों को जोड़ा है तो दूसरी तरफ साथ रहने वालों के बीच दूरियां बढां रहा है। चीनी स्मार्टफोन क्रिएटर Vivo के एक नए स्टडी से पता चला है कि 88 % मैरिड भारतीयों को लगता है कि स्मार्टफोन का ज्यादा यूज उनके रिश्ते को नुकसान पहुंचा रहा है। Vivo ने साइबरमीडिया रिसर्च (CMR) के साथ मिलकर सोमवार को वीवो के ‘स्विच ऑफ’ स्टडी का फोर्थ एडिशन जारी किया, जिसका टाइटिल ‘पति-पत्नी के रिश्तों पर स्मार्टफोन का प्रभाव’ है। स्टडी के लिए, कंपनी ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बैंगलोर, अहमदाबाद और पुणे में 1000 से ज्यादा कंज्यूमर को शामिल किया। हैदराबाद, बैंगलोर, अहमदाबाद और पुणे में, स्टडी ने स्मार्टफोन डिवाइस के ज्यादा यूज के कारण मैरिड लोगों के रिलेशन में प्रैक्टिकल और साइकोलॉजी चेंज पर ध्यान दिया। स्टडी के दौरान सर्वे में शामिल 67% भारतीय मैरिड कप्लस ने एक्सेप्ट किया कि वे अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताते हुए भी अपने स्मार्टफोन से जुड़े रहते हैं। इस दौरान 66% लोगों ने खुलासा किया कि स्मार्टफोन की वजह से उनके अपने जीवनसाथी के साथ रिलेशन कमजोर हो गए हैं।
स्मार्टफोन की आदत लोगों को बातचीत करने में रोक रही है
करीब 70% लोगों ने माना कि जब वे अपने स्मार्टफोन का यूज कर रहे होते हैं तो उनका पार्टनर उन्हें बोल देता है तो वे चिढ़ जाते हैं। दरअसल, 69 % कपल्स ने माना कि वे अपने पार्टनर से बात करते समय उन्हें अटेंशन नहीं देते हैं। स्टडी से यह भी पता चला कि 84 % रेस्पोंडेंट अपने लाइफ पार्टनर के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं और इस बात से सहमत हैं कि इन-पर्सन एंगेजमेंट ज्यादा आराम देने वाले होते हैं और वे ऐसा करने में कम समय लगाते हैं। हालांकि, लोग स्मार्टफोन के प्रभाव को स्वीकार कर रहे हैं और बदलना चाहते हैं। 88 % रेस्पोंडेंट ने माना कि स्मार्टफोन के बढ़ते यूज से उनके लाइफ पार्टनर के साथ रिस्ते खराब हो रहे हैं। 90 % लोग अपने लाइफ पार्टनर के साथ बातचीत के लिए ज्यादा खाली समय देना चाहेंगे।
स्मार्टफोन के फायदे
भले ही टेकनीक और स्मार्टफोन के चलते नेगेटिव प्रोबलम सामने आ रहे हैं, लेकिन इस फैक्ट से इनकार नहीं किया जा सकता है कि स्मार्टफोन के फायदे भी हैं। वीवो की स्टडी के मुताबिक, स्मार्टफोन 60% लोगों को अपनों से जुड़े रहने में मदद कर रहा है। इसके अलावा, सर्वे में शामिल 59 % लोगों ने माना कि स्मार्टफोन ने उनके इनफार्मेशन में सुधार किया है। इस फैक्ट से इनकार करते हुए कि स्मार्टफोन लोगों को इसके प्रति आकर्षित और आलसी बनाता है, 55% लोगों ने कहा कि स्मार्टफोन उनकी प्रोडक्ट को बढ़ाने में मदद करते हैं।
स्मार्टफोन बहुत सी चीजों में लोगों की मदद करते हैं और टेकनीक के युग को देखते हुए ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे लोग गैजेट का यूज करने से पूरी तरह से खुद को रोक सकें। लेकिन एडिक्शन पर कंट्रोल और सभी के लिए समय देना जरूरी है। स्टडी के मुताबिक, “89% रेस्पोंडें अपने लाइफ पाटनर के साथ अपने बॉन्ड को मजबूत करने के लिए स्मार्टफोन पर बिताए जाने वाले फुरसत के समय में कटौती करना चाहेंगे और दूसरी ओर, 91% को लगता है कि अपने लाइफ पाटनर के साथ ज्यादा खाली समय बिताने से उनके रिस्ते में बदलाव आएगा। स्मार्टफोन का यूज करना और जरूरत पड़ने पर इसे अपने लोगों से पहले प्राथमिक्ता नहीं देना है। हर चीज का यूज करना गलत है।