नई दिल्ली: NEET पेपर लीक मामला EOU को बड़ी कामयाबी मिली है. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध ईकाई ने पेपर लीक करने के बाद उसका प्रिंट निकलवाकर अभ्यर्थियों तक पहुंचने वाले आरोपी पिंटू को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी पिंटू बिहार के नालंदा का रहने वाला है. उसने चिंटू के कहने पर प्रिंट आउट निकाला था. पेपर लीक सरगना संजीव मुखिया के नेटवर्क में पिंटू और चिंटू शामिल हैं. चिंटू को भी देवघर से गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस के मुताबिक दोनों को खेमनीचक वाले सेफ हाउस के बारे में जानकारी थी. संजीव मुखिया को किसी प्रोफेसर ने सबसे पहले प्रश्न पत्र भेजा, जिसे चिंटू और पिंटू ने मिलकर अभ्यर्थियों तक पहुंचाया. ये पेपर सॉल्वर के जरिए सवालों के जवाब हल कर 5 मई की सुबह अभ्यर्थियों को दिया गया. चिंटू की भी गिरफ्तारी देवघर से हुई है. इसके अलावा काजू, अजीत और राजीव की भी गिरफ्तारी देवघर से की गई है. चिंटू और पिंटू की गिरफ्तारी से EOU नए राज खोल पाएगी. पुलिस इस मामले में अब तक कुल 19 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. 13 आरोपियों को बिहार और 6 को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है.
पटना से 13 लोग जिनकी गिरफ्तारी पहले हो चुकी है-
-सिकंदर यादवेंदु (सेटर)
-बिट्टू कुमार (ड्राइवर)
-आयुष कुमार (कैंडिडेट)
-अखिलेश कुमार (आयुष के पिता)
-नीतीश कुमार (सेटर)
-अमित आनंद (सेटर)
-रोशन कुमार – (सेटर अमित का सहयोगी)
-अभिषेक कुमार (कैंडिडेट)
-अनुराग यादव (कैंडिडेट)
-अवधेश कुमार (अभिषेक के पिता)
-रीना कुमारी (अनुराग यादव की मां)
-आशुतोष कुमार (सेटर अमित का सहयोगी)
-शिवनंदन कुमार (कैंडिडेट)
झारखंड से 6 लोग लोग जिनकी नई गिरफ्तारी हुई-
-पंकू (पिंटू)
-चिंटू
-काजू
-अजीत
-राजीव
-परमजीत
संजीव मुखिया है गैंग सरगना
अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि सबसे पहले प्रश्न पत्र संजीव मुखिया को किसी प्रोफेसर ने मोबाइल पर नीट का पेपर भेजा था. लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में पटना और रांची के एमबीबीएस स्टूडेंट भी मौजूद थे, जिन्होंने बतौर सॉल्वर नीट पेपर में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर लिखा. यह आंसर उन अभ्यर्थियों को दिया गया, जिनसे पैसे लिए गए थे.
EOU ने पेपर लीक करने वाले संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी है. पटना, नालंदा, गया, नवादा जिले की पुलिस को अलर्ट किया गया है. नगरनौसा के शाहपुर स्थित संजीव मुखिया के पैतृक गांव में भी पुलिस की दबिश है. संजीव मुखिया के खिलाफ इश्तहार और कुर्की जब्ती की प्रक्रिया पर भी पुलिस आगे बढ़ेगी. कोर्ट से प्रक्रिया पूरी करने के बाद आगे के एक्शन की तैयारी की. संजीव मुखिया के कई करीबियों से भी EOU ने पूछताछ की गई है.
ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक हुआ पेपर
बिहार पुलिस की जांच में सामने आया कि प्रश्न पत्र विभिन्न राज्यों में एनटीए के नोडल स्थानों में प्रिंटिंग फर्म से एकत्र किए गए थे, जहां से उन्हें स्थानीय बैंकों को भेजा गया. इसके बाद परीक्षाओं से पहले केंद्रों पर भेजा गया. मिली जानकारी के अनुसार, नीट यूजी के प्रश्न पत्रों की आवाजाही में शामिल एजेंसियों के कर्मचारियों ने ट्रांसपोर्टेशन के दौरान पेपर लीक किया है. आरोपी अमित आनंद ने ट्रांसपोर्टेशन के दौरान नीट का पेपर हासिल किया और आरोपी सिकंदर के साथ मिलकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया.
प्रोफेसर ने संजीव मुखिया को नीट का पेपर भेजा था
संजीव मुखिया को किसी प्रोफेसर ने मोबाइल पर नीट का पेपर भेजा था. लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में पटना और रांची के एमबीबीएस स्टूडेंट भी मौजूद थे, जिन्होंने बतौर सॉल्वर नीट पेपर में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर लिखा. यह आंसर उन अभ्यर्थियों को दिया गया, जिनसे पैसे लिए गए थे. संजीव मुखिया ने अपने करीबी प्रभात रंजन की मकान पूरी सेटिंग के लिए किराए पर लिया था. प्रभात रंजन दनियांवा का प्रखंड प्रमुख रह चुका है. उसकी पत्नी भी मुखिया रही है. EOU ने उससे भी पूछताछ की है. वहीं संजीव मुखिया नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज का कर्मी है.
पटना के ग्रामीण इलाके में 25 अभ्यर्थियों को रखा था
पटना का भीड़भाड़ वाला इलाका छोड़कर खेमनीचक जैसे ग्रामीण इलाके में स्थित मकान में 25 अभ्यर्थियों को रखा गया था, ताकि किसी को शक न हो. यह इलाका पटना बाईपास के बिल्कुल बगल में स्थित है. लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में ठहरे अभ्यर्थियों को 5 मई की सुबह 9 नीट का क्वेश्चन पेपर और आंसर मुहैया कराया गया ताकि वे इसे रट सकें. इसी दिन नीट का एग्जाम भी था. कुछ देर बाद अभ्यर्थियों को उनके सेंटर्स पर छोड़ दिया गया, जहां उन्हें नीट की परीक्षा देनी थी. चूंकि पेपर और आंसर बहुत देर से मिला, इसलिए अभ्यर्थियों के पास रटने का पर्याप्त समेत नहीं था.