पीएम मोदी से मिले सीएम धामी, BHEL के लिए मांगी जमीन, अल्मोड़ा वनाग्नि के घायलों का जाना हाल

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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. प्रधानमंत्री बनने के बाद धामी की यह पहली आधिकारिक मुलाकात थी. इस मुलाकात में मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की कई परियोजनाओं को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की. साथ ही पीएम मोदी ने उत्तराखंड की चारधाम यात्रा सहित उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग और आग से हुई जनहानि के बारे में सीएम धामी से बातचीत की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्य में आग से जितने लोगों को भी नुकसान हुआ है, उनकों राहत और भरोसा दिलाया जाए कि राज्य और केंद्र सरकार उनके साथ है. साथ ही घायल लोगों के लिए उचित इलाज की व्यवस्था भी की जाए.

सीएम ने पीएम को भेंट की महासू मंदिर की तस्वीर

बता दें कि बीते दो मुलाकातों में सीएम धामी ने कैंची धाम का चित्र देकर पीएम मोदी से मुलाकात की. वहीं, इस बार पीएम मोदी को राजधानी देहरादून के चकराता स्थित जौनसार बाबर में स्थापित भगवान महासू मंदिर की तस्वीर भेंट की गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दी गई महासू देवता की तस्वीर के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अब कैंची धाम के बाद जौनसार बाबर के इस मंदिर का विकास का नक्शा राज्य सरकार खींच सकती है. यह पूरा का पूरा क्षेत्र लंबे समय से विकास की राह देख रहा है. इतना ही नहीं इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा होने की वजह से भी बीजेपी किसी न किसी तरह से अपनी पकड़ को इस क्षेत्र में मजबूत करना चाहती है.

सीएम धामी ने इन मुद्दों पर की बातचीत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अलकनंदा, भागीरथी और सहायक नदियों में प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति-2 की अंतिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय के साथ पुन समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है. पीएम मोदी से यह भी अनुरोध किया गया है कि उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में भारत सरकार और उनकी एजेंसियों द्वारा सड़क निर्माण परियोजना को सुचारू रूप से क्रियान्वित किये जाने के लिए क्षतिपूरक वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त भूमि के चयन में कठिनाई हो रही है, क्योंकि वर्तमान में प्रचलित वन संरक्षण एवं सवंर्धन नियम और गाइडलाइन 2023 के अनुसार उपरोक्त प्रयोजन हेतु केवल गैर वन भूमि को आधार बनाया गया है, जिसमें समतुल्य गैर वन भूमि में क्षतिपूरक वृक्षारोपण किया जा सकता है. इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि राजस्व विभाग के अभिलेख में दर्ज वन भूमि वन विभाग के नियत्रंण में नहीं है.

सामरिक महत्व रखने वाला राज्य उत्तराखंड

इसके अलावा दो गुना वन भूमि पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड 67 प्रतिशत वन आच्छादित क्षेत्र है. राज्य के विकास कार्यों के लिये भूमि की उपलब्धता कम है. उत्तराखंड अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा एक सामरिक महत्व रखने वाला राज्य है. इसके महत्व के दृष्टिगत राज्य में स्थित वन भूमि में भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों एनएचएआई, बीआरओ, आईटीबीपी, रेलवे एवं सेना विभाग के द्वारा सड़क और अन्य संरचनाओं के निर्माण में वन संरक्षण एवं सवंर्धन अधिनियम, 2023 के तहत भूमि की अनउपलब्धता के कारण अनुमोदन प्राप्त करने में देरी हो रही है.

वृक्षारोपण और अन्य मुद्दों पर हुई बातचीत : सीएम धामी ने उत्तराखंड के विशिष्ठ भौगोलिक परिस्थितियों और सामरिक महत्व के दृष्टिगत भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा कराये जा रहे गैर वानिकी परियोजना हेतु अधिसूचित नियम, 2017 की व्यवस्था को यथावत रखते हुए पहले की तरह राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ (आरक्षित एवं संरक्षित वन) में क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण कराए जाने और इन सभी प्रयोजन के लिये गतिमान वन भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों पर संबंधित मंत्रालय को अनुमोदन प्रदान करने हेतु निर्देशित करने का अनुरोध प्रधानमंत्री मोदी से किया है.

भेल की जमीन को लेकर हुई बातचीत

सीएम धामी ने पीएम से Multi Model Logistics Park और औद्योगिक विकास हेतु BHEL हरिद्वार से राज्य को भूमि हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण कलस्टर, खुरपिया का निर्माण 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के अंतर्गत किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि का मूल्य 410 करोड़ रुपए है और सभी एनओसी प्राप्त हैं. मुख्यमंत्री ने Integrated Manufacturing Cluster, खुरपिया के अनुमोदन हेतु भी प्रधानमंत्री से आग्रह किया है.

पीएम की मुलाकात में कुमाऊं पर सीएम का फोकस

मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत चिन्हित 48 पौराणिक मंदिरों में से 16 मंदिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं. इन मंदिर मार्गों को 02 लेन करने और आपसी कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री से 1 हजार करोड़ रूपये की सहायता प्रदान करने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने पीएम से किया है. बातचीत में बताया गया है की मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिये शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है. मानसखंड माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. पिथौरागढ़ स्थित सीमांत गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है.गुंजी को’’शिव नगरी’’थीम के आधार पर विकसित किये जाने के लिए छः घटक कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम में विभाजित किया गया है. प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अंतर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित है. राज्य सरकार द्वारा गुंजी और आदि कैलाश समेत ओम पर्वत के लिये हेली सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सर्वे कर लिया गया है.

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