कुमाऊं में तेजी से बढ़ रहे जमीनी धोखाधड़ी के मामले, कुमाऊं कमिश्नर ने सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश

खबर उत्तराखंड

हल्द्वानी: कुमाऊं में जमीनी धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की अध्यक्षता में सर्किट हाउस काठगोदाम में मंडल की लैण्ड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में अहम फैसले लिए. इस मौके पर कुमाऊं कमिश्नर ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. साथ ही मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि लैण्ड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में मंडल के कुल 53 मामले आए. जिनमें जनपद नैनीताल के 45, उधमसिंह नगर के 4, अल्मोड़ा के 2 और बागेश्वर जनपद के कुल 2 मामले समिति में आए.लैण्ड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में समिति द्वारा शिकायतकर्ता के पक्ष को भी सुना गया.शिकायतकर्ता के पक्षों को सुनने के पश्चात समिति द्वारा 13 लैण्ड फ्रॉड केसों पर एफआईआर पुलिस थानों में दर्ज कराने के निर्देश दिए. कुछ शिकायतों में विस्तृत जांच के पश्चात मामलों को भी शीघ्र निस्तारण करने को कहा गया. उन्होंने कहा कि फ्रॉड के मामलों में किसी तरह की लापरवाही ना बरती जाए और भूमि फ्रॉड मामलों में वैधानिक कार्रवाई तत्काल अमल में लाई जाए. उसके अलावा सरकार की जिस भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, उसको अतिक्रमण मुक्त किया जाए.

कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि अधिकतर भूमि पर अतिक्रमण वह प्लॉटिंग के मामलों में कुछ प्रोफेशनल भू-माफिया और प्रॉपर्टी डीलर द्वारा प्लाटिंग की जाती है, वह भूमि उसकी होती नहीं है. उस भूमि की रजिस्ट्री भूस्वामी द्वारा की जाती है. डीलर लेन-देन में अभिलेखों के अनुसार कही भी नहीं होता है.उन्होंने कहा इस प्रकार के प्रकरणों में क्रेता को भूमि क्रय करने से पहले भूमि के अभिलेखों की जांच लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसील स्तर करनी आवश्यक है. साथ ही ध्यान देने की आवश्यकता है कि कहीं जमीन पर बैंक से लोन तो नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा जिस स्थल पर भूमि क्रय कर रहे हैं वह उक्त भूमि खतौनी में है या नहीं इसकी भी जांच कर लें. कहा कि जो लोग इस कृत्य में लिप्त पाये जाते हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ ही लैण्ड फ्रॉड में एफआईआर दर्ज की जाएगी.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *