देहरादून: फर्जी पंजीकरण कर टैक्स इनपुट क्रेडिट का लाभ लेने से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, जिसके चलते यह व्यवस्था अपनाई जा रही है। उत्तराखंड जीएसटी पंजीकरण में बायोमीट्रिक से आधार नंबर का प्रमाणीकरण व्यवस्था को लागू करने वाला देश का चौथा राज्य होगा। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल 31 जुलाई को इस नई व्यवस्था का उद्घाटन करेंगे। राज्य सरकार को फर्जी पंजीकरण के जरिए टैक्स इनपुट क्रेडिट (ITC) के लाभ से राजस्व का नुकसान हो रहा है। टैक्स चोरी रोकने के लिए जीएसटी काउंसिल ने आधार नंबर का प्रमाणीकरण बायोमीट्रिक द्वारा करने का आदेश दिया है।
इस तरह होता है जीएसटी पंजीकरण में फर्जीवाड़ा
वर्तमान में यह व्यवस्था है कि जीएसटी पंजीकरण के लिए व्यापारी या फर्म को आधार नंबर देना अनिवार्य होता है, जिसका प्रमाणीकरण मोबाइल पर ओटीपी के माध्यम से किया जाता है। लेकिन कई बार फर्जीवाड़ा करने के लिए गलत आधार नंबर का उपयोग किया जाता है और असली आधार धारक को पंजीकरण की जानकारी भी नहीं होती है। विभागीय कार्रवाई में टैक्स चोरी के मामलों में फर्जी जीएसटी पंजीकरण के लिए गलत दस्तावेजों का उपयोग सामने आया है। इसे रोकने के लिए अब पंजीकरण में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण लागू किया जाएगा। प्रदेश में 22 जीएसटी सेवा केंद्र खोले गए हैं, जहाँ दस्तावेजों की ऑफलाइन सत्यापन की सुविधा भी उपलब्ध है।