मानसून के बाद देहरादून में बढ़ सकते हैं डेंगू के मामले, सतर्क हुआ स्वास्थ्य विभाग, शुरू की रोकथाम की तैयारियां

खबर उत्तराखंड

देहरादून: मानसून की बरसात के बाद डेंगू की संभावना प्रबल हो जाती है. बारिश के बाद कई दिनों तक पानी के जमाव होने से लार्वा पनपने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. ऐसे में अगले 15 दिनों के लिए डेंगू की प्रबल संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग नगर निगम और वॉलिंटियर्स के साथ मिलकर डेंगू कंट्रोल करने की तैयारी में जुट गया है.

बीते वर्ष भगत सिंह कॉलोनी में डेंगू ने विकराल रूप धारण किया था. इस बार भी इसी क्षेत्र में डेंगू के लार्वा सबसे अधिक मिल रहे हैं, जिन क्षेत्रों में बीते वर्ष डेंगू के मामले सबसे ज्यादा पाए गए थे उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग विशेष मॉनिटरिंग कर रहा है. जिले में डेंगू के नोडल एसीएमओ डॉक्टर सीएस रावत का कहना है कि फिलहाल अभी तक देहरादून में एक भी डेंगू का मरीज नही पाया गया है. उन्होंने बताया हाल ही में दून अस्पताल में डेंगू का एक संदिग्ध केस आया था, जांच के बाद मरीज एलाइजा नेगेटिव पाया गया, उसमें स्क्रब टायफस की बीमारी पॉजिटिव आई थी.

उन्होंने बताया देहरादून में जो डेंगू मरीज पाए जा रहे हैं वह अन्य जिलों से इलाज कराने यहां के अस्पतालों में आए हैं. ऐसे में राहत की बात है कि अभी तक देहरादून जिले में डेंगू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. डॉ सीएस रावत ने बताया डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण को लेकर देहरादून के वार्डों में बीते 1 महीने से फॉगिंग और लार्वा साइट्स का छिड़काव किया जा रहा है. अब तक स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमों के संयुक्त प्रयासों से डेंगू पर नियंत्रण पाया जा सका है.

सितंबर के महीने में अगले 15 दिनों के भीतर बारिश रुकने की संभावना बनी हुई है. इन 15 दिनों में बारिश होने के बाद पानी के जमाव होने की वजह से लार्वा बनने के चांसेस कई गुना तक बढ़ जाते हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग के सामने आने वाले समय में डेंगू नियंत्रण और रोकथाम की चुनौतियां और बढ़ गई हैं. ऐसे में शहर वासियों को डेंगू और मलेरिया से बचाने के लिए नगर निगम के सुपरवाइजरों,वॉइलेंटियर्स के साथ समन्वय बैठकें की जा रही हैं. उन्हें अगले 15 दिनों के लिए इसी जोश के साथ मोटिवेट किया जा रहा है, ताकि देहरादून में डेंगू को इस बार पनपने से रोका जा सके.

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