देहरादून: रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैलवाल के पास भारत-नेपाल सीमा पर कारतूस मिलने के बाद अब प्रदेश की सियासत गरमा गई है। इस मामले को लेकर जहां कांग्रेस पार्टी के आला नेता भाजपा पर हमलावर हो गए हैं। वहीं, रानीखेत के विधायक और उनके भाई पूरी तरह बचाव की मुद्रा में आ गए हैं।
रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश और उनके ड्राइवर दिनेश चंद्र को बनबसा में एसएसबी ने 7.65 एमएम के 40 कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसएसबी ने यह मामला बनबसा पुलिस के सुपुर्द किया था। जहां से पुलिस ने नोटिस देकर आरोपियों को छोड़ दिया और लाइसेंस दिखाने की मोहलत दी थी। इस मामले के सामने आने के बाद अब कांग्रेस पार्टी हमलावर हो गई है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सत्ताधारी दल के रसूखदार लोग सीमा का प्रयोग तस्करी के लिए कर रहे हैं। पूर्व में नेपाल भी इस तरह के इशारे कर चुका है। रावत ने कहा कि चिंता का विषय यह नहीं कि विधायक के भाई को पकड़ा गया। बल्कि चिंता का विषय यह है कि इस मामले के सामने आने के बाद आरोपी को बचाने के लिए भाजपा में देहरादून से दिल्ली तक बेचैनी है।
कोट-मेरा भाई ए क्लास का कांट्रेक्टर है। मजदूरों को लाने के लिए वह इधर-उधर जाते रहते हैं। भूलवश उनके बैग में उनके लाइसेंसी पिस्टल की गोलियां रह गई। फिर भी कोई शंका है तो पुलिस मामले की जांच कर रही है।
– डॉ. प्रमोद नैनवाल, विधायक रानीखेत
कोट-कुछ लोग मुझे जानबूझकर फंसाने का प्रयास कर रहे हैं। मैं मजदूरों को लेने गया था। जल्दीबाजी में मैं अपने बैग से अपनी लाइसेंसी पिस्टल की गोलियां निकालना भूल गया। लाइसेंस और कारतूस से संबंधित दस्तावेज पुलिस के सामने पेश किए जाएंगे।
–सतीश नैलवाल, विधायक के भाई।