हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में पिछले 48 घंटे से हो रही बरसात के चलते नदी नाले उफान पर हैं. काठगोदाम स्थित गौला बैराज से सिंचाई विभाग ने करीब 78000 क्यूसेक पानी को छोड़ा है. जिसके चलते गौला नदी में भारी मात्रा में पानी आने से हल्द्वानी से गौलापार और पहाड़ों को जोड़ने वाली गौला नदी के ऊपर बने पुल का एक हिस्सा बह गया. जिससे पहाड़ों के अलावा गौलापार, सितारगंज, टनकपुर और पीलीभीत को जोड़ने वाला गौला पुल खतरे की जद में आ गया है.
गौला पुल के किनारे का हिस्सा (पुस्ता) टूटकर नदी में गिर गया है. ऐसे में यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. एनएचएआई और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा पुल का निरीक्षण किया जा रहा है. पुल के एप्रोच हिस्से के टूट जाने से पहाड़ों को जाने वाले वाहनों को अब काठगोदाम और कालाढूंगी होते हुए पहाड़ों को भेजा जा रहा है. सुरक्षा के दृष्टिगत पुल पर पुलिस प्रशासन को तैनात किया गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अधिकारी मौके पर पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को मरम्मत करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने में एनएचएआई को एक महीने का समय लग सकता है.
बताया जा रहा है कि वर्ष 2021 में भी आई आपदा के चलते पुल का एप्रोच हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसको ठीक करने में राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को कई महीने लग गए थे ऐसे में एक बार फिर से पुल का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है. इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. नदी में भारी मात्रा में पानी आ रहा है. जिसके चलते नदी अभी भी पुल के अलावा शहर को जोड़ने वाली सड़क को भी नुकसान पहुंचा रही है. इसके अलावा गौला नदी लगातार रेलवे लाइन की ओर भी कटान कर रही है. जिसके चलते रेलवे लाइन और अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को भी खतरा पैदा हो गया है.
पुलिस क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी नितिन लोहनी ने बताया सुरक्षा के दृष्टिगत पुल को बंद कर दिया गया है. पहाड़ों को जाने वाले वाहनों को वाया काठगोदाम और कालाढूंगी रोड से भेजा जा रहा है. सितारगंज को जाने वाले वाहनों को लालकुआं होते हुए भेजा जा रहा है.